नई दिल्ली
नासा ने आज दुनिया में बड़े स्तर पर तरक्की कर ली है। बता दें कि 53 साल पहले अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने मेरिनेर 9 सैटेलाइट को लॉन्च किया था। इसे मंगल ग्रह की तरफ से लॉन्च किया गया था। मिली जानकारी के मुताबिक, मेरिनेर 9 मंगल की कक्षा में पहुंचने वाला प्रथम सैटेलाइट था, इसे सोवियत संघ के सोवियत मार्स 2 को पीछे छोड़ दिया था। बता दें कि मेरिनेर 9 को 30 मई 1971 को 10 बजकर 23 मिनट और 4 से सेकंड पर लॉन्च किया गया था।
जैसे ही मेरिनर मंगल की कक्षा में पहुंचा,मंगल पर कोहराम मच गया था। कहा जा रहा है, मेरिनर के मंगल में एंट्री लेते ही मंगल पर धूल का तूफान आ गया फिर इसकी धूल हटने में लगभग एक साल लग गया, जब धूल हटी तो मेरिनर ने मंगल की फोटो लेना शुरू कर दिया। मेरिनेर 9 ने मंगल की लगभग 85% प्रतिशत मैपिंग कर 7329 से ज्यादा फोटो ली थीं। फोटोज से सामने आया, हजारों साल पहले मंगल पर पानी हुआ करता था।
90 दिन तक की गई रिसर्च
मेरिनर-मार्स 1971 प्रोजेक्ट में कम से कम 90 दिनों तक ग्रह का रिसर्च करने के लिए कैमरे और अन्य उपकरणों से युक्त दो अंतरिक्ष यान, मेरिनर 8 और 9 को मंगल के चारों ओर ओर्बिट में डाला गया। मेरिनर 9 को जब 10 महीनों तक ग्रह के ऊपर उतारा गया तो उसमें मौसम को लेकर कई बदलाव आए। अंतरिक्ष यान ने मंगल के पतले ऊपरी वायुमंडल में रेत के तूफान, बादलों का बनना और धुंध के प्रभावों को भी देखा, जिसे वैज्ञानिकों ने जमे हुए कार्बन डाइऑक्साइड का क्रिस्टल के तौर पर घोषित कर दिया था
मेरिनर 8 हुआ था असफल
मेरिनर 8 के विफल होने के बाद, मेरिनर 9 सफलतापूर्वक लॉन्च हुआ। लगभग 167 दिनों तक अंतरिक्ष की यात्रा करने के बाद मेरिनेर 9 साल 1971 में 14 नवंबर को सैटेलाइट मंगल की कक्षा में पहुंचा था। ये साल 1971 को मंगल के चारों ओर कक्षा में पहुंचा था जो किसी अन्य ग्रह की परिक्रमा करने वाला पहला अंतरिक्ष यान था।