नई दिल्ली
प्रचंड लू और गर्मी की चपेट में चल रहे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और उत्तराखंड को अगले कुछ दिनों में राहत मिल सकती है। बिहार के मिथिला रीजन में गुरुवार को देर रात आंधी के साथ हल्की बारिश हुई। इससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली। इस बीच मौसम विभाग ने देश के कई शहरों के लिए मॉनसून आगमन की तारीख बता दी है। आपको बता दें कि दक्षिणी-पश्चिमी मॉनसून ने समय से दो दिन पूर्व केरल और पूर्वोत्तर राज्यों में एक साथ दस्तक दे दी है। मौसम विभाग ने कहा कि अगले 4-5 दिनों में पूर्वोत्तर में भारी बारिश होगी, जिससे कि उत्तर-पश्चिम भारत और मध्य भारत में लोगों को लू के प्रकोप से राहत मिलेगी।
केरल में मॉनसून के पहुंचने की सामान्य तिथि एक जून है, लेकिन इस बार 30 मई को ही मॉनसून ने दस्तक दे दी है। सबसे बड़ी बात यह है कि केरल के एक हिस्से में मॉनसून के प्रवेश होने के साथ ही पूर्वोत्तर के चार राज्यों नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम तथा अरुणाचल प्रदेश को भी मानूसन ने पूरी तरह से कवर कर लिया है। वहीं त्रिपुरा के ज्यादातर हिस्सों में भी पहुंच गया है। आमतौर पर केरल में आने के एक-दो दिन बाद पूर्वोत्तर में मॉनसून दस्तक देता है।
अगले 24 घंटे में कर्नाटक-तमिलनाडु में पहुंच जाएगा
मौसम विभाग ने कहा कि पूर्वोत्तर में अगले चार-पांच दिनों में भारी बारिश होने की संभावना है, जिसका असर सभी उत्तर-पश्चिमी राज्यों दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब तथा मध्य भारत में भी दिखेगा और हीटवेव से राहत मिलेगी। विभाग ने कहा कि अगले चौबीस घंटों में मॉनसून के कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों को भी कवर करने की संभावना है। उधर, पूर्वोत्तर में असम, मेघालय और त्रिपुरा के शेष हिस्सों में भी मॉनसून छा जाएगा। इसके अलावा लक्षदीप, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के ज्यादातर हिस्सों में भी मॉनसून छाने को तैयार है।
पिछले साल 8 जून को पहुंचा था मॉनसून
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार केरल में मॉनसून का कभी जल्दी और कभी देर से आना सामान्य बात है। पिछले साल केरल में 8 जून को मॉनसून पहुंचा था। वहीं 2022 में 29 मई को ही पहुंच गया था। वर्ष 2021 में तीन जून को पहुंचा था। वैसे, अब तक का रिकार्ड देखा जाए तो 1918 में मॉनसून ने केरल में सबसे जल्दी 11 मई को ही दस्तक दे दी थी, लेकिन 1972 में सबसे देर से 18 जून को प्रवेश किया था।
बारिश पर कितना असर
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि केरल में मॉनसून के जल्दी या देरी से पहुंचने का देश में होने वाली कुल बारिश पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। इसका यह मतलब भी नहीं है कि वहां मॉनसून जल्दी पहुंचा है तो दूसरे स्थानों पर भी जल्दी पहुंच जाएगा। यह सबकुछ आगे की मौसमी स्थितियों पर निर्भर करता है। बता दें, मौसम विभाग ने इस बार सामान्य के 106 फीसदी बारिश होने की संभावना व्यक्त की है। जून-सितंबर के दौरान मॉनसून के चार महीनों में सामान्य बारिश 87 सेंटीमीटर होती है। यदि विभाग का आंकलन सही निकला तो इस बार यह छह फीसदी ज्यादा होगी।
देश के शहरों में मॉनसून के आगमन की तिथियां:
केरल 30 मई
चेन्नई 4 जून
मुंबई 11 जून
रायपुर 16 जून
जमशेदपुर 14 जून
आईजोल 05 जून
वाराणसी 20 जून
गया 16 जून
अजमेर 01 जुलाई
लखनऊ 23 जून
आजमगढ़ 20 जून
छपरा 18 जून
आगरा 30 जून
दिल्ली 27 जून
भिवानी 03 जुलाई
पिथौरागढ़ 20 जून
चंडीगढ़ 26 जून
लद्दाख 23 जून