नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के तहत शनिवार को पंजाब की 13, उत्तर प्रदेश की 13, पश्चिम बंगाल की 9, बिहार की 8, ओडिशा की 6, हिमाचल प्रदेश की 4, झारखंड की 3 और चंडीगढ़ की एक लोकसभा सीट सहित 8 राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों की 57 लोकसभा सीटों पर हो रहा । मतों की गिनती 4 जून को होगी, इसी दिन साफ हो जाएगा कि अगले पांच साल के लिए किसे जनादेश मिला है। सातवें चरण के मतदान के बाद और 4 जून की मतगणना से पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बड़ी बैठक कर पार्टी के लिहाज से चुनाव के सभी सात चरणों के मतदान की समीक्षा कर सकते हैं।
बताया जा रहा है कि जेपी नड्डा शनिवार रात या रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिवों एवं चुनाव प्रचार अभियान से जुड़े नेताओं के साथ बैठक कर मतदान के प्रतिशत, मतदान के पैटर्न और भाजपा को मिलने वाली सीटों की संख्या को लेकर समग्र चर्चा कर सकते हैं।
सातवें चरण के चुनाव में एनडीए गठबंधन के दिग्गज चेहरों की बात करें तो, इसमें सबसे बड़ा नाम पीएम नरेंद्र मोदी का है, जो लगातार तीसरी बार उत्तर प्रदेश के वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, महेंद्र नाथ पांडेय, आरके सिंह, पंकज चौधरी, अनुप्रिया पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, रामकृपाल यादव, प्रताप चंद्र सारंगी, उपेंद्र कुशवाहा और रवि किशन सहित कई दिग्गजों का फैसला शनिवार को मतदान में होना है।
पार्टी ने पिछले कई चरणों के चुनाव की रणनीति को सातवें चरण में भी अमलीजामा पहनाने की रणनीति बनाई है। पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर से लेकर राज्य, संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से लेकर बूथ स्तर तक नेताओं की टीम को तैनात किया है, जिनका फोकस दोपहर से पहले ज्यादा से ज्यादा अपने समर्थक मतदाताओं का वोट डलवाने पर रहेगा। पार्टी की कोशिश मतदान का प्रतिशत बढ़ाकर जीतने वाली सीटों पर जीत का अंतर बढ़ाने और कड़े मुकाबले में फंसी सीटों पर जीत सुनिश्चित करने पर रहेगा। सातवें चरण का यह चुनाव भाजपा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इन 57 सीटों पर 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को अकेले 25 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
भाजपा के सहयोगी दलों की सीटों को मिला लिया जाए तो जेडीयू 3 और अपना दल (एस) की 2 सीटों को मिलाकर एनडीए का आंकड़ा 30 का था। बाद में हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने एक सीट भाजपा से छीन ली थी, जिसके बाद गठबंधन के पास 29 सीटें बच गई।
भाजपा की पूरी कोशिश है कि सातवें चरण के चुनाव में पश्चिम बंगाल में टीएमसी, उत्तर प्रदेश में बसपा, पंजाब में कांग्रेस, ओडिशा में बीजद और झारखंड में जेएमएम की जीती हुई सीटों पर इस बार जीत हासिल कर पार्टी का जनाधार बढ़ाया जाए।