चीन
भारत में अशांति फैलाने के के लिए चीन का नया प्लान सामने आया है। मेटा की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन से संचालित फर्जी अकाउंट्स के जरिए भारत में अशांति फैलाने और खालिस्तानी गतिविधियों का प्रचार किया जा रहा है। फेसबुक और इंस्टाग्राम की स्वामित्व वाली कंपनी मेटा ने खुलासा किया है कि भारत में खालिस्तानी आतंकियों के पक्ष में माहौल और समर्थन दिखाने के लिए चीन से फर्जी फेसबुक और इंस्टा अकाउंट बनाए हैं। इन फर्जी अकाउंट्स के निशाने पर दुनियाभर का सिख समुदाय था, जिनके बीच खालिस्तान समर्थक भावनाओं को उभारने की कोशिश की जा रही थी।
मेटा रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन स्थित नेटवर्क ने एक काल्पनिक ऑपरेशन K बनाया, जिसमें न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया सहित 'सिख समर्थक विरोध प्रदर्शन' का आह्वान किया गया। इसने यह भी दावा किया कि उसने 'ऑपरेशन K' गतिविधियों को अपना एक बड़ा दर्शक वर्ग तैयार करने से पहले ही पहचान कर ली और उसे हटा दिया। मेटा ने कहा, 'उन्होंने मुख्य रूप से अंग्रेजी और हिंदी में न्यूज और वर्तमान घटनाओं के बारे में पोस्ट किया, जिसमें संभवतः फोटो एडिटिंग टूल के जरिए छेड़छाड़ की गई या AI द्वारा बनाई गईं तस्वीरें शामिल थीं। इसके अलावा पंजाब क्षेत्र में बाढ़, दुनिया भर में सिख समुदाय, खालिस्तान के लिए कथित आंदोलन, हरदीप सिंह निज्जर (खालिस्तानी आतंकी) की हत्या और भारत सरकार की आलोचना के बारे में पोस्ट भी शामिल थे।'
मेटा ने खालिस्तान को बढ़ावा देने वाले 37 फेसबुक अकाउंट, 13 पेज, 5 ग्रुप और 9 इंस्टाग्राम अकाउंट को हटा दिया है। फेसबुक और इंस्टाग्राम के मालिक मेटा ने अपनी 'एडवर्सरियल थ्रेट रिपोर्ट' में कहा कि उन्होंने "समन्वित अप्रामाणिक व्यवहार" के खिलाफ अपनी नीति का उल्लंघन करने के लिए इन अकाउंट्स, पेज और ग्रुप को हटाया है। कंपनी को इन अकाउंट्स की गतिविधिया संदिग्ध और अप्रमाणिक मिली हैं। इन अकाउंट्स के जरिए फर्जी खबरें, तस्वीरें, छेड़छाड़ वाले वीडियो और प्रॉपगैंडा पोस्ट किए जा रहे थे। मेटा ने 2024 की पहली तिमाही के लिए अपनी एडवर्सियल थ्रेट रिपोर्ट (प्रतिकूल खतरा रिपोर्ट) में कहा, 'यह नेटवर्क चीन में बनाया गया और इसने ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, भारत, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, यूके और नाइजीरिया सहित वैश्विक सिख समुदाय को निशाना बनाया।'
मेटा ने कहा कि इस गतिविधि में चीन से संचालित कई फर्जी अकाउंट के समूह शामिल थे, जो भारत और तिब्बत क्षेत्र को निशाना बनाते थे। रिपोर्ट में कहा गया है, 'इनमें से कुछ समूहों ने एक-दूसरे को बढ़ावा दिया, जिनमें से ज्यादातर ने अपने फर्जी अकाउंट्स के जरिए प्रचार किया, जिससे अभियान को वास्तविकता से ज्यादा लोकप्रिय दिखाया जा सकते।' मेटा ने आगे कहा, 'इस ऑपरेशन में फर्जी और संदिग्ध अकाउंट का इस्तेमाल किया गया – जिनमें से कुछ को हमारी जांच से पहले ही हमारी स्वचालित प्रणाली के जरिए पता लगा लिया गया था और निष्क्रिय कर दिया गया था।' ये फर्जी अकाउंट सिख पहचान के साथ बने थे।