यरुशलम/गाजा
दुनिया के कई देश युद्ध में घिरे हुए हैं। जहां रूस-यूक्रेन जंग को दो साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है। इधर, हमास और इस्राइल बीते सात महीने से लड़ाई लड़ रहे हैं। अब तक 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच, एक बार फिर इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि गाजा युद्ध तब तक खत्म नहीं होगा जब तक कि हमास की शासन करने और युद्ध करने की क्षमता का खात्मा नहीं हो जाता। बता दें, इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बताया था कि इस्राइल ने एक नया शांति रोडमैप पेश किया है।
हमारे सभी बंधकों की वापसी लक्ष्य
नेतन्याहू के कार्यालय का कहना है, 'पीएम नेतन्याहू ने वार्ता दल से बंधकों की वापसी के लिए एक रूपरेखा पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि युद्ध तब तक समाप्त नहीं होगा जब तक सभी लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लिए जाते, जिसमें हमारे सभी बंधकों की वापसी और हमास की सैन्य और सरकारी क्षमताओं का उन्मूलन शामिल है।' उनका यह भी कहना है कि इस्राइल द्वारा पेश रूपरेखा इस्राइल को इन सिद्धांतों को बनाए रखने की अनुमति देता है।'
युद्ध के खत्म होने का समय
आठ महीने से चल रहे संघर्ष के समाधान की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बाइडन ने कहा कि प्रस्ताव छह सप्ताह के चरण से शुरू हुआ है, जिसमें इस्राइली सेना गाजा के सभी आबादी वाले क्षेत्रों से हट जाएगी। उन्होंने कहा कि इस युद्ध के खत्म होने का समय आ गया है। उन्होंने आगे कहा कि शांति के मौके का फायदा उठाने के लिए हम इस पल को गंवा नहीं सकते।
अबतक इतने लोग मारे गए
युद्ध शुरू होने के बाद से फलस्तीन के 35,984 लोग मारे गए हैं और 80,643 अन्य घायल हुए हैं। फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया कि आईडीएफ ने गाजा पट्टी में आठ नरसंहार किए। इसमें आगे कहा गया है कि कई पीड़ित अभी भी मलबे के नीचे दबे हैं या सड़कों पर हैं। इसलिए एंबुलेंस और नागरिक सुरक्षा दल उन तक नहीं पहुंच सकते। उधर, रॉयटर्स ने जानकारी दी कि राफा में इस्राइली हमलों में कम से कम 20 फलस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई। एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, फलस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि राफा पर इस्राइल के हवाई हमले में 22 लोग मारे गए हैं, जो शिविरों में रह रहे थे। सीएनएन के मुताबिक, मृतकों का यह आंकड़ा बढ़कर 35 हो गया है।
इजरायली सेना की वापसी के बाद गाजा के जबालिया शिविर में मिले 70 फिलिस्तीनियों के शव
उत्तरी गाजा के जबालिया शरणार्थी शिविर में कम से कम 70 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। यहां से हाल ही में इजरायल ने अपनी सशस्त्र सेनाओं को वापस बुला लिया था।
स्थानीय चिकित्सा सूत्रों ने समाचार एजेंसी शिन्हुआ को बताया कि एम्बुलेंस और नागरिक सुरक्षा दल ने शिविर से लगभग 70 शवों को निकाला। इनमें 20 बच्चे शामिल हैं। लापता लोगों की तलाश जारी है।
सूत्रों ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान इजरायली हवाई हमलों और गोलाबारी के चलते दर्जनों लोग घरों, आश्रयों और अस्पतालों के मलबे के नीचे लापता बताए गए हैं। जैसे ही इजरायली सेना वापस लौटी, सैकड़ों निवासी अपने घरों का हाल जानने के लिए लौटे।
उनमें से कुछ ने शिन्हुआ को बताया कि हमलों के चलते शिविर और उसके आसपास के सैकड़ों घरों के साथ-साथ सड़कों, जल आपूर्ति प्रणालियों और सीवेज जैसे बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने इजरायली सैनिकों पर अपार्टमेंट और आवासीय इमारतों में आग लगाने का आरोप लगाया।
इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि 98वें डिवीजन के इजरायली सैनिक पूर्वी जबालिया में अपना मिशन पूरा करने के बाद वापस आ गए हैं। वे सात बंधकों के शवों को अपने साथ लेकर आए हैं। सैकड़ों आतंकवादियों को मार गिराने तथा 10 किलोमीटर के भूमिगत सुरंग नेटवर्क को नष्ट करने के बाद उन्होंने गाजा पट्टी में आगे की कार्रवाई के लिए तैयारी शुरू कर दी।
फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें जबालिया स्थित एजेंसी के केंद्रों से चौंकाने वाली रिपोर्ट मिली, जहां एजेंसी द्वारा संचालित स्कूल में शरण लेने वाले विस्थापित लोगों के मारे जाने और घायल होने की खबर है। इनमें बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि आईडीएफ ने जबालिया में एक आश्रय शिविर को घेर लिया और वहां शरण लिए हुए लोगों के तंबू में आग लगा दी।
हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर अचानक हमला कर दिया था जिसमें 1,200 लोग मारे गए और 200 से अधिक बंधक बनाए गए। इसके बाद इजरायल ने गाजा में हमास के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमले किए हैं जो अब भी जारी हैं।