भोपाल
उज्जैन में वक्फ की संपत्ति पर काबिज तत्कालीन अध्यक्ष रियाज खान को वक्फ बोर्ड ने सात करोड़ 11 लाख का नोटिस दिया है। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव के गृह नगर उज्जैन में वक्फ दरगाह मदार शाह साहब वाके मदार गेट, मय मस्जिद व कब्रिस्तान की 115 दुकानों, दो स्कूल बिल्डिंग और पांच आफिस पर 26 साल तक एक ही अध्यक्ष काबिज रहे। मप्र वक्फ बोर्ड ने 2006-2007 से 2022-23 तक की राशि का हिसाब नहीं देने पर नोटिस जारी कर तत्कालीन अध्यक्ष खान से सात करोड़ 11 लाख रुपये की वसूली की कार्रवाई शुरू कर दी है। खान ने अपने कार्यकाल के दौरान वक्फ की परिसंपत्तियों के विकास योजनाओं के तहत मदार गेट पर दरगाह, मस्जिद और कब्रिस्तान की जमीन पर दुकानें, स्कूल भवन और आफिस बनाए, लेकिन इसकी सूचना न तो वक्फ बोर्ड को दी और न ही इन दुकानों आदि से होने वाले किराए की जानकारी दी।
वक्फ की संपत्ति के दुरुपयोग
बोर्ड ने रियाज खान के 26 साल के कार्यकाल की जांच करवाई जिसमें कई गड़बडिय़ां सामने आईं। बोर्ड ने जांच के बाद पूर्व अध्यक्ष रियाज खान को नोटिस देकर जवाब मांगा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अब अंतिम नोटिस देकर वसूली की कार्यवाही के लिए बोर्ड प्रबंधन तैयारी कर रहा है। बोर्ड ने आखिरी नोटिस दिया, जिसमें रियाज को सुनवाई का एक मौका ओर दिया गया है। यदि सात दिन में वह जवाब नहीं देते हैं तो बोर्ड एक पक्षीय कार्रवाई करेगा। इसी तरह सागर के बीना में भी वक्फ की संपत्ति के दुरुपयोग को लेकर एक करोड़ 84 लाख रुपये की आरआरसी (रेवेन्यू रिकवरी सर्टिफिकेट) जारी किया गया है।
मसाजिद कमेटी भोपाल में भी लाखों रुपये की आर्थिक गड़बड़ी आई सामने
मसाजिद कमेटी भोपाल में भी लाखाें रुपये की आर्थिक गड़बड़ी जांच में सामने आई है। मप्र पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने मसाजिद कमेटी के वित्तीय अभिलेखों, केश खातों एवं अन्य संबंधित वित्तीय अभिलेखों की जांच में पाया कि कमेटी के प्रभारी सचिव रहते यासिर अराफात द्वारा को वित्तीय अधिकार प्रदान नहीं किए गए थे। बावजूद इसके उन्होंने स्वयं-मू निर्णय लेकर नियम विरूद्ध एवं अवैधानिक रूप से वित्तीय व्यवहार किए।
उन्होंने भंडार क्रय नियम के प्रविधानों का उल्लंघन करते हुए मनमाने तरीके से मसाजिद कमेटी के निकाह फार्म / विधि से संबंधित अभिलेखों का स्कैनिंग कार्य 34,21,600 रुपये व्यय टीडीएस सहित किए हैं। जिसके कारण मसाजिद कमेटी को सीधे तौर पर 22,89,634 रुपये की वित्तीय क्षति हुई है। बिल्डिंग मेंटेनेंस का कार्य कराकर अवैधानिक रूप से 97,77,086 का भुगतान किया गया है और कर्मचारियों के पीएफ अंशदान काटकर 10,31,712 की राशि संबंधित कर्मचारियों के खाते में जमा नहीं की। शासन में इन प्रकरण की कार्रवाई प्रचलन में है।
सनवर पटेल, अध्यक्ष मप्र वक्फ बोर्ड ने बताया वक्फ की संपत्ति परोपकार के कार्य के लिए दान की हुई है, लेकिन कुछ लोग इसमें स्वयंभू बनकर बैठ गए हैं, दुकानें बनाकर किराया वसूला जा रहा है, इसका न तो कोई रिकार्ड है और न ही बोर्ड को इससे सूचित किया गया है न ही अनुमति ली गई है। हम पूरे प्रदेश की वक्फ की संपत्ति की जांच करा रहे हैं और जहां गड़बड़ी मिल रही है तो नोटिस भेजकर जवाब मांगा जा रहा है। चोरियां पकड़ में आ रही है। वक्फ की संपत्ति की चोरी करने वालों के विरूद्ध बोर्ड के एक्ट के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।