भोपाल
मध्य प्रदेश में 18 साल बाद भारतीय जनता पार्टी ने 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री का चेहरा बदला था. तब बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान की जगह डॉ. मोहन यादव को मध्य प्रदेश की कमान सौंपी थी. इसके पीछे कई मायनें निकाले जा रहे थे. ऐसा माना जा रहा था कि ओबीसी वोटर को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने ये दांव चला है. अब करीब 6 महीनों बाद हुए लोकसभा चुनाव में इसका असर देखने को मिल रहा है.
दरअसल, पिछले दिनों देश भर में लोकसभा चुनाव को लेकर एग्जिट पोल जारी किए गए थे. इन एग्जिट पोल के अनुसार देश में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती दिखाई दे रही है. तो वहीं एक्सिस माय इंडिया के अनुसार मध्य प्रदेश में बीजेपी अपना 2019 का परिणाम दोहरा सकती है. इसके साथ ही जिस काम के लिए मोहन यादव को बीजेपी ने प्रदेश की कमान सौंपी थी, वो भी लगभग सफल होता दिखाई दे रहा है.
सीएम मोहन के चेहरे ने लगाई ओबीसी वोटों मे सेंध?
एग्जिट पोल के अनुसार मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को बढ़त मिलती हुई दिखाई गई है. ऐसा माना जा रहा है कि इस चुनाव में पिछले चुनाव के मुकाबले बीजेपी को 7 प्रतिशत से अधिक ओबीसी मतदाताओं की बढ़त मिली है. इंडिया टुडे के एक्सिस माय इंडिया के डेटा के मुताबिक, मध्य प्रदेश में पिछले चुनाव के मुकाबले बीजेपी के खाते में ओबीसी वोटरों की संख्या में 7 फीसदी का इजाफा हुआ है, वहीं कांग्रेस को ओबीसी वोटरों की संख्या में 7 फीसदी का नुकसान हुआ है. कांग्रेस के लिए ये एक बड़ा झटका माना जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि जातिगत जनगणना की बात करने वाली कांग्रेस के ओबीसी वोटरों में सेंध लगाने में बीजेपी कामयाब हो गई है.
मध्य प्रदेश को लेकर ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी 6 महीने पहले की तैयारी काम आई है. जब विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद प्रदेश की कमान शिवराज सिंह चौहान के बजाय डॉ. मोहन यादव को सौंपी गई थी. आपको बता दें मोहन यादव ने बिहार, उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यों में प्रचार किया है. उन सीटों पर खासतौर पर जहां ओबीसी वोटर निर्णायक भूमिका में मौजूद हैं.