स्ट्रोक ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन में गड़बड़ी से संबंधित होता है. इसके पीछे दो कारण है- इस्केमिक स्ट्रोक और हेमोरेजिक स्ट्रोक. इस्केमिक स्ट्रोक में मस्तिष्क की नसे जाम हो जाती है जिसके कारण इसमें सही मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता है. वहीं, हेमोरेजिक स्ट्रोक में ब्रेन में खून लीक करने लगता है.
इस्केमिक स्ट्रोक ज्यादा कॉमन होता है. क्योंकि यह हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, फिजिकल एक्टिविटी में कमी, अनहेल्दी खानपान और स्मोकिंग से संबंधित होता है. इसमें कोई दोराय नहीं कि स्ट्रोक जानलेवा होता है लेकिन यदि वक्त पर इसके लक्षणों की पहचान कर ली जाए तो उपचार से पूरी तरह ठीक होना संभव होता है.
स्ट्रोक के शुरुआती 5 लक्षण
बोलने में कठिनाई
बोलने में कठिनाई स्ट्रोक आने या हो जाने के एक मुख्य संकेत है. यदि व्यक्ति साफ शब्द नहीं बोल पा रहा है या अपनी बातों को सही ढंग से कह नहीं पा रहा है तो इसका कारण ब्रेन में होने वाली खून की कमी के कारण हो सकता है.
मांसपेशियों की कमजोरी और पैरालिसिस
स्ट्रोक के कारण ब्रेन शरीर के हिस्सों को सिग्नल नहीं भेज पाता है जिसके कारण व्यक्ति पैरालिसिस का शिकार हो जाता है. साथ ही मांसपेशियों में कमजोरी भी महसूस होती है. जिसके कारण हाथ-पैर में झुनझुनी रहना, चेहरे के एक तरफ का हिस्सा सुन्न हो सकता है.
चलने-फिरने में होती है परेशानी
स्ट्रोक व्यक्ति के चलने-फिरने की क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति साफ बोल पा रहा है लेकिन चलने में कठिनाई का सामना कर रहा है तो उसे स्ट्रोक हो सकता है. क्योंकि ब्रेन जब सही ढंग से काम नहीं कर पाता है तो बॉडी का बैलेंस बिगड़ने लगता है.
देखने में परेशानी
देखने में परेशानी स्ट्रोक का एक अन्य संकेत है. स्ट्रोक के कारण चीजें दोहरी या धुंधली दिखाई पड़ने लगती है. हालांकि उम्र के बढ़ने के साथ आंखों से दिखना कम होना नेचुरल प्रक्रिया है पर इसमें महीनों या वर्षों का समय लगता है. लेकिन जब स्ट्रोक के कारण अचानक से आंखें खराब हो जाती है.