नरसिंहपुर
होशंगाबाद में लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके है। होशंगाबाद लोकसभा में एक बार फिर से भाजपा ने जीत का परचम लहराया है। भाजपा के दर्शन सिंह चौधरी ने कांग्रेस के संजय शर्मा को करारी शिकस्त दी है। आपको बता दें दर्शन सिंह के करियर का ये पहला चुनाव था, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता संजय शर्मा को करारी शिकस्त दी है। इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी दर्शन सिंह चौधी को 812147 वोट तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को 380451 वोट मिले हैं। इस चुनाव में दर्शन सिंह चौधरी करीब 431696 वोटों से चुनाव जीते हैं। इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी संजय शर्मा को पिछले 6 महीनों के अंदर इस दूसरी बड़ी हार का मुंह देखना पड़ा है। इसके पहले विधानसभा चुनाव में उन्हें तेंदूखेड़ा सीट से हार का सामना करना पड़ा था।
क्या थे 2019 के नतीजे
अगर साल 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस सीट पर बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल की थी। इस सीट से बीजेपी के राव उदय प्रताप सिंह ने कांग्रेस के दीवान शैलेंद्र सिंह को 5 लाख 53 हजार 682 वोटों के बड़े अंतर से हराया था। बीजेपी प्रत्याशी को कुल 8 लाख 77 हजार 927 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी 3 लाख 24 हजार 245 हजार वोट ही मिले थे। दर्शन सिंह चौधरी शासकीय नौकरी में थे, शिक्षक संगठन बनाकर आंदोलन भी किया, जिसके चलते उन्हें 4 बार जेल भी जाना पड़ा था, हालांकि बाद में उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर फुल टाइम राजनीति में एंट्री कर ली थी। दर्शन सिंह किरार धाकड़ समाज से आते हैं।
उन्हें पूर्व सीएम शिवराज सिंह का करीबी माना जाता है। दर्शन सिंह चौधरी बीजेपी के किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। लम्बे वक़्त से वो पार्टी के लिए काम करते आए हैं। 11 बार अलग अलग आंदोलनों में जेल भी गए हैं। दर्शन सिंह संघ से जुड़े हैं। 36 वर्षों से पार्टी में एक सामान्य कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। होशंगाबाद से राव उदय प्रताप सिंह सांसद थे, अब मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री हैं।
अर्जुन सिंह हारे तो सुंदरलाल पटवा ने दर्ज की थी जीत
होशंगाबाद लोकसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाता है। यही कारण है कि इस सीट पर कई दिग्गज मैदान में उतरते रहते हैं। इस सीट पर पहले 2 पूर्व मुख्यमंत्री भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं, जिनमें से एक के हाथ हार तो एक के हाथ जीत लगी थी। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता अर्जुन सिंह यहां से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, जबकि बीजेपी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने 1999 के में यहां से जीत हासिल की थी।