विदेश

चीन ने बांग्‍लादेश को ब्रिक्‍स की सदस्‍यता का खुलकर समर्थन, व‍िस्‍तार के व‍िरोध में भारत

ढाका
 चीन ने ऐलान किया है कि वह बांग्‍लादेश की ब्रिक्‍स की सदस्‍यता का खुलकर समर्थन करता है। चीन के उप व‍िदेश मंत्री सुन वेइडोंग ने ब्रिक्‍स में शामिल होने की बांग्‍लादेश की इच्‍छा की तारीफ की। चीन ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है जब बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना अगले महीने चीन के दौरे पर जा रही हैं। यही नहीं ब्रिक्‍स देशों के विदेश मंत्रियों की अहम बैठक भी रूस में होने जा रही है। चीन और रूस की कोशिश है कि ब्रिक्‍स का एक और विस्‍तार करके उसे पश्चिमी देशों के खिलाफ एक बड़ा मंच बनाया जाए। वहीं भारत को डर सता रहा है कि ब्रिक्‍स के एक और व‍िस्‍तार से इसमें चीन का प्रभाव काफी ज्‍यादा बढ़ जाएगा। इसी वजह से भारत चाहता है कि अगले 5 साल तक ब्रिक्‍स का कोई और विस्‍तार नहीं हो।

अभी इसी साल ही ब्रिक्‍स में सऊदी अरब, यूएई जैसे देश शामिल हुए हैं। चीन के उप व‍िदेश मंत्री और बांग्‍लादेश के व‍िदेश सचिव मसूद बिन मोमेन के बीच बैठक हुई है। चीन और बांग्‍लादेश के बीच में द्विपक्षीय संबंधों को मज‍बूत करने, आर्थिक रिश्‍ते और व्‍यापार को बढ़ाने की संभावना पर बात की। चीन ने इस दौरान बांग्‍लादेश को आश्‍वासन दिया कि वह बांग्‍लादेश को ब्रिक्‍स में शामिल होने का सक्रिय होकर सपोर्ट करेगा। बांग्‍लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके इसकी जानकारी दी है।

ब्रिक्‍स के विस्‍तार का भारत क्‍यों कर रहा है विरोध

बांग्‍लादेश के विदेश सचिव ने कहा कि उनका देश चीन के साथ रिश्‍तों को 'बहुत महत्‍व' देता है जो साझा मूल्‍य, आपसी सम्‍मान और साझा आकांक्षाओं पर आधारित है। बांग्‍लादेश के व‍िदेश सचिव ने आधारभूत ढांचे के व‍िकास में सहयोग के लिए बीजिंग का धन्‍यवाद दिया। इसमें कई मेगा प्रॉजेक्‍ट शामिल हैं। बांग्‍लादेश चाहता है कि उसे ब्रिक्‍स में शामिल किया जाए ताकि विकासशील देशों के साथ रिश्‍ते मजबूत हो सकें। बांग्‍लादेश का कहना है कि ब्रिक्‍स में चीन और भारत दोनों हैं जो उसके सबसे बड़े व्‍यापारिक साझीदार हैं। अगर उसे सदस्‍यता मिलती है तो इससे उसका इन देशों के साथ आर्थिक समन्‍वय बढ़ सकता है।

रूस और चीन दोनों ही चाहते हैं कि ब्रिक्‍स का विस्‍तार हो और इसमें तुर्की, बांग्‍लादेश जैसे देशों को शामिल किया जाए। इसके पीछे दोनों की कोशिश है कि ब्रिक्‍स को पश्चिमी देशों के खिलाफ एक बड़े मंच के रूप में विकसित किया जाए। वह भी तब जब यूक्रेन और ताइवान को लेकर पश्चिमी देशों के साथ इनका तनाव बढ़ा हुआ है। वहीं भारत का कहना है कि अब अगले 5 साल तक ब्रिक्‍स का विस्‍तार नहीं किया जाए ताकि जो नए देश में इसमें शामिल किए गए हैं, उन्‍हें खुद को समाहित करने का समय मिल सके। भारत को डर है कि रूस अब चीन का जूनियर पार्टनर बन गया है और ऐसे में चीन और नए सदस्‍यों को शामिल कराकर ब्रिक्‍स पर अपना दबदबा कायम कर सकता है। अब सबकी नजर ब्राजील पर है जो विस्‍तार के फैसले पर निर्णायक हो सकता है।

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com