उत्तर प्रदेश
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने कई परिवारों को 'गारंटी कार्ड' वितरित किए थे। इसमें हर गरीब परिवार की महिला मुखिया को हर साल 1 लाख रुपये देने का वादा किया गया था। राहुल गांधी का खटाखट-खटाखट खाते में रुपए आने वाला बयान भी खूब चर्चा में रहा। इस खटाखट-खटाखट का नकल करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी पर निशाना भी साधा था। पीएम मोदी के निशाना साधने के बाद कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी मुखर हो गए। कई सपा नेताओं ने भी इस खटाखट-खटाखट से माहौल बनाने लगे। इसका असर भी रिजल्ट में दिखाई दिया। सपा-कांग्रेस के पक्ष में यूपी में जबरदस्त मतदान हुआ है। सपा को सीटों के मामले में सात गुना तो कांग्रेस की सीटों में छह गुना की बढ़ातरी हो गई।
केंद्र में कांग्रेस-सपा की सरकार तो नहीं बन रही लेकिन राहुल गांधी ने पांच जून की जो तारीख बताई थी उसे देखते हुए लखनऊ के कांग्रेस दफ्तर पर भीड़ जरूर जुट गई है। बुधवार को काफी संख्या में महिलाएं लखनऊ स्थित कांग्रेस दफ्तर पर गारंटी कार्ड का फार्म जमा करने जुट गईं। कुछ महिलाएं फार्म जमा करने में सफल हो गईं तो ज्यादातर को मायूसी हाथ लगी है। महिलाओं ने दफ्तर पर मौजूद कर्मचारियों से गारंटी कार्ड की मांग की। कुछ महिलाओं ने दावा किया कि धन प्राप्त करने के विवरण के साथ अपने फॉर्म जमा करने के बाद उन्हें कांग्रेस कार्यालय से रसीदें मिली हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने 'घर-घर गारंटी' कार्यक्रम शुरू किया था। इसके तहत नेताओं को लगभग 80 मिलियन घरों तक पहुंचने और उन्हें इसकी 25 गारंटियों के बारे में जागरूक करने का काम सौंपा गया था। इन गारंटियों में महालक्ष्मी योजना भी शामिल थी। इसके तहत पार्टी ने वादा किया था कि गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी से संबंधित परिवारों की महिला मुखियाओं के खाते में सीधे 8,500 रुपये हर महीने जमा किए जाएंगे। यह योजना कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार की गृह लक्ष्मी गारंटी योजना की तरह है। इसमें गरीब परिवारों की महिला मुखियाओं को 2,000 रुपये का भुगतान किया जाता है।
हाल ही में बेंगलुरु के जनरल पोस्ट ऑफिस में कई महिलाएं खाता खोलने के लिए दौड़ रही थीं, उन्हें उम्मीद थी कि अगर केंद्र में इंडिया गठबंधन सरकार सत्ता में आएगी तो उनके खातों में 8,500 रुपये हर महीने आएंगे। हालांकि अब चुनाव नतीजों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने 292 सीटें जीतकर सरकार बनाने जा रही हैं। वहीं महिलाओं के दफ्तर पर जुटने और खाते में धन को लेकर कांग्रेस का कहना है कि पार्टी सत्ता में आएगी तो देगी। फॉर्म कार्यालय में रख लिया जाता है। यह कांग्रेस के न्याय पत्र में शामिल मुद्दा है।