मुंबई
लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। कल महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने राज्य में भाजपा के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी। उनके इस कदम पर शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह योगी आदित्यनाथ पर दबाव बनाने की एक चाल है। उन्होंने यह भी दावा किया कि नई एनडीए सरकार के दिन गिने-चुने रह गए हैं।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, संजय राउत ने कहा, "नरेंद्र मोदी को शपथ लेने दीजिए, हम मिठाई बांटने का सुझाव देंगे। यह सरकार लंबे समय तक नहीं चलेगी।" उन्होंने आगे कहा, ''फैसला उद्धव ठाकरे और शरद पवार के पक्ष में था। दोनों की पार्टियां विभाजित हो गई थीं। उनके नाम और चुनाव चिन्ह बागियों को दे दिए गए थे।''
2019 में भाजपा उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली अविभाजित सेना के साथ गठबंधन करके महाराष्ट्र में 25 लोकसभा सीटों में से 23 पर जीत हासिल की थी। शिवसेना ने अन्य 23 पर चुनाव लड़ा और 18 पर जीत हासिल की थी। इस बार भाजपा को सिर्फ नौ सीटें मिलीं। इसके सहयोगी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को सात और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को एक सीट पर जीत हासिल हुई है।
भाजपा के लिए सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश में लगा है। इसके कारण भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल नहीं कर सकी। 2014 और 2019 में यूपी के दम पर ही भाजपा ने बहुमत हासिल किया था। इस बार भाजपा यूपी में केवल 33 सीटें ही जीत सकी। 2019 में यह आंकड़ा 63 था। यूपी के नतीजे को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। भाजपा ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में शानदार प्रदर्शन किया है।
योगी आदित्यनाथ के प्रभाव वाले क्षेत्र माने जाने वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश में भाजपा को भारी नुकसान हुआ है। पार्टी ने फैजाबाद सीट भी खो दी, जिस क्षेत्र में हाल ही में राम मंदिर की स्थापना हुई है।