नई दिल्ली
भीषण गर्मी के कारण इस साल देशभर में रिकॉर्ड 1.4 करोड़ एयर कंडीशनर (एसी) बिक सकते हैं। कन्ज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं अप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सिएमा) के अध्यक्ष सुनील वाचानी ने कहा, मई में एसी की रिकॉर्ड बिक्री हुई है। गर्मी में बिक्री में 30-40 फीसदी बढ़ सकती है।
वाचानी ने कहा, बढ़ते तापमान और गर्म हवाओं ने अब शहरी क्षेत्रों में घरेलू एसी को अनिवार्य जरूरत बना दिया है। बाजार विकसित होने के साथ उम्मीद है कि देश में सालाना बिक्री करीब 1.4 करोड़ इकाई होगी, जो क्षेत्र के मजबूत विस्तार को बताती है। भारतीय रिहायशी एयर कंडीशनर की बिक्री बढ़कर लगभग एक से 1.11 करोड़ इकाई तक पहुंचने की उम्मीद है।
आइसक्रीम-शीतल पेय पदार्थों की बिक्री में तेजी
देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी के बीच कोला, पेय पदार्थ, आइसक्रीम और ठंडक प्रदान करने वाले अन्य उत्पादों की बिक्री में जोरदार तेजी आई है। पेप्सिको इंडिया और कोका कोला जैसी कंपनियों का कहना है कि मांग में भारी बढ़ोतरी की संभावना को देखते हुए हमने अपना भंडार (इन्वेंट्री) तैयार कर रखा है।
रेटिंग एजेंसियों का दावा: कमजोर बहुमत के बाद भी बनी रहेगी विकास की रफ्तार, ऊर्जा क्षेत्र पर जोर
भाजपा की अगुवाई में बनने वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की नई सरकार के लिए महत्वाकांक्षी सुधारों को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाना चुनौतीपूर्ण होगा। देश-दुनिया की विभिन्न रेटिंग एजेंसियों का दावा है कि कमजोर जनादेश की वजह से इन सुधारों पर कानून पारित करने में सहयोगी दल बाधा डाल सकते हैं। इन चुनौतियों के बावजूद भूमि और श्रम कानूनों में बड़े सुधार नई सरकार के एजेंडे में बने रहेंगे, क्योंकि वह भारत के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ाना चाहती है। हालांकि, कमजोर बहुमत के बावजूद भारत के विकास की रफ्तार कायम रहेगी।
रेटिंग एजेंसी फिच का मानना है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को कमजोर बहुमत के बावजूद भारत का मध्यम अवधि का विकास प्रदर्शन 2027-28 तक हमारे अनुमान 6.2 फीसदी के आसपास रहेगा। बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर करने के लिए जारी सार्वजनिक पूंजीगत खर्च अभियान, डिजिटलीकरण के उपायों, महामारी से पहले की स्थिति की तुलना में बैंक और कॉरपोरेट बैलेंसशीट में सुधार से निजी निवेश के लिए एक मजबूत दृष्टिकोण की सुविधा मिलनी चाहिए। वहीं, मूडीज ने मोदी के तीसरे कार्यकाल में कमजोर नीतियों को लेकर आशंकाओं को दरकिनार करते हुए कहा, भारत के ऊर्जा क्षेत्र में विकास जारी रहेगा। अक्षय ऊर्जा और बिजली ट्रांसमिशन 6-7 वर्षों में भारत के बिजली क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देना जारी रखेगा। इस अवधि में बिजली की मांग सालाना 5-6 फीसदी बढ़ सकती है।
सहयोगी दलों से समर्थन की उम्मीद
फिच ने कहा, भूमि-श्रम कानूनों में बड़े सुधार विवादास्पद रहे हैं। इस बार मिलीजुली सरकार के कारण इनका पारित होना और जटिल हो सकता है। हालांकि, मोदी के पीएम बने रहने पर सहयोगी दलों से पर्याप्त समर्थन मिलने की उम्मीद है। एजेंसी ने कहा, जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण बजट से पांच वर्षों के आर्थिक सुधार की प्राथमिकताओं और राजकोषीय योजनाओं पर अधिक स्पष्टता सरकार को देनी चाहिए। राजग के पहले दो कार्यकाल में आर्थिक सुधारों का कार्यान्वयन मिश्रित था।
मोदी 2.0 का एजेंडा 3.0 में भी जारी रहेगा : मोतीलाल ओसवाल
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का कहना है कि मोदी 2.0 का नीतिगत एजेंडा मोदी 3.0 में भी जारी रहेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, नई सरकार कर के मोर्चे पर राहत देकर और जीएसटी ढांचे को तर्कसंगत बनाकर सौदे को आसान बना सकती है। निवेश आकर्षित करने, पूंजीगत खर्च में वृद्धि, बुनियादी ढांचे और विनिर्माण पर ध्यान देने के संबंध में पिछले कार्यकाल के नीतिगत निर्णय, नई सरकार में भी जारी रहेंगे।
बना रहेगा पीएलआई
फिच को उम्मीद है कि नई सरकार में उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना बनी रहेगी। इससे इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश लाने में मदद मिलेगी। हालांकि, निजी निवेश में अभी तक सार्थक वृद्धि नहीं हुई है।
बीबीबी(-) रेटिंग जारी रहेगी: फिच ने स्थिर आउटलुक के साथ भारत की लंबे समय की विदेशी मुद्रा जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग बीबीबी(-) पर बनाए रखी है। एजेंसी का मानना है भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली जीडीपी बना रहेगा।
गैस से बिजली उत्पादन मई में कई साल के उच्चस्तर पर, एलएनजी के आयात में तेज वृद्धि का अनुमान
भीषण गर्मी के कारण देश में मई, 2024 में गैस आधारित बिजली उत्पादन कई साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। गैस आधारित बिजली का इस्तेमाल लगातार बढ़ने से दो वर्षों में तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आयात में तेज वृद्धि का अनुमान है। ग्रिड इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल और मई में देश में गैस आधारित बिजली का उत्पादन एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में दोगुना होकर 8.9 अरब किलोवाट घंटे पहुंच गया। इसके साथ ही, बिजली बनाने में इस्तेमाल कोयले की हिस्सेदारी में कोरोना महामारी के बाद पहली बार गिरावट आई है। मई में बिजली उत्पादन में कोयले की हिस्सेदारी एक साल पहले की समान अवधि के 75.2 फीसदी से घटकर 74 फीसदी रह गई। वहीं, गैस की हिस्सेदारी 1.6 फीसदी से दोगुना होकर 3.1 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई। चालू वित्त वर्ष के दौरान देश में गैस आधारित बिजली के उत्पादन में 10.5 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है।
शाकाहारी थाली एक साल में नौ फीसदी महंगी, मांसाहारी थाली सात फीसदी सस्ती
शाकाहारी थाली एक साल में 9 फीसदी महंगी हो गई है। हालांकि, मांसाहारी थाली की कीमत घटी है। क्रिसिल की जारी रिपोर्ट के अनुसार, मई, 2023 में शाकाहारी थाली की कीमत 25.5 रुपये थी, जो इस साल मई में बढ़कर 27.80 रुपये पहुंच गई है। वहीं, मांसाहारी थाली 7 फीसदी सस्ती होकर 55.90 रुपये पर आ गई। हालांकि, मासिक आधार पर शाकाहारी थाली एक फीसदी ही महंगी हुई है। टमाटर, आलू और प्याज की बढ़ती कीमतों से शाकाहारी थाली महंगी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, टमाटर के दाम एक साल में 39 फीसदी, आलू के 41 फीसदी और प्याज के 43 फीसदी बढ़े हैं। मांसाहारी थाली की कीमत में गिरावट का श्रेय ब्रॉयलर को जाता है। एक साल में इसकी कीमत 16 फीसदी तक घटी है।