नईदिल्ली
नरेंद्र मोदी रविवार को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में लगातार तीसरी बार शपथ लेने जा रहे हैं. उनके साथ नई बनने वाली केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्य भी पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे. जेडीयू नेता नीतीश कुमार और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को हुई बैठक में एनडीए संसदीय दल और लोकसभा के नेता के रूप में नरेंद्र मोदी के नाम पर मुहर लगा दी. हालांकि, लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद जब देश की जनता ने किसी एक पार्टी को स्पष्ट जनादेश नहीं दिया तो विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक की ओर से भी केंद्र में सरकार बनाने के भरपूर प्रयास किए गए थे.
क्या अंदरखाने इंडिया ब्लॉक की ओर से केंद्र में सरकार बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं और इसके लिए उनके द्वारा जेडीयू से संपर्क किया गया है, इस सवाल के जवाब में केसी त्यागी ने कहा, 'हमारे नेता नीतीश कुमार ने किसी भी ऐसी पेशकश को सिरे से नकार दिया है. वरना प्रपोजल तो यहां तक आए हैं कि नीतीश जी प्रधानमंत्री हो जाएं. और ऐसे प्रपोजल उन लोगों की ओर से आ रहे हैं, जिन्होंने नीतीश कुमार को इंडी गठबंधन का संयोजक बनाने तक से इनकार कर दिया था. हम इसके जन्मदाता थे. हमने कांग्रेस पार्टी की पॉलिटिकल अनटचेबिलिटी खत्म की. अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी… ये कांग्रेस के साथ मंच शेयर करने को तैयार नहीं थे.'
इंडिया ब्लॉक ने नीतीश के साथ ठीक व्यवहार नहीं किया: केसी त्यागी
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने आगे कहा, 'जिस तरीके का व्यवहार हमारे नेता और हमारी पार्टी के साथ हुआ, उसी का नतीजा था कि हम इंडी गठबंधन से बाहर आए और एनडीए जॉइन किया. इतिहास गवाह है कि उस दिन से ही फिजा बननी शुरू हो गई.' जब केसी त्यागी से यह पूछा गया कि विपक्ष के किन नेताओं ने नीतीश कुमार को अपने पाले में लाने के लिए उनसे संपर्क किया था, तो उन्होंने कहा, 'राजनीति में नाम बताना ठीक नहीं रहता है. लेकिन मैं बहुत जिम्मेदारी से कहता हूं कि इस तरह के प्रपोजल हमारे नेता के पास आए थे. विपक्ष के कई शीर्ष नेता नीतीश कुमार से बात करना चाहते थे. लेकिन पार्टी ने तय किया है कि पीछे झांकने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता. हम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए को ही मजबूत करेंगे.'
केंद्र सरकार में कैसा होगा बिहार का प्रतिनिधित्व? JDU नेता ने बताया
प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में जो नई केंद्रीय मंत्रिपरिषद बनेगी उसमें बिहार और जदयू का प्रतिनिधित्व कितना और कैसा होगा, इस सवाल के जवाब में केसी त्यागी ने कहा, 'हमें तो इसी बात की प्रसन्नता है कि जिन्होंने चुनाव के दौरान और उससे पहले नीतीश कुमार और जदयू को खारिज कर दिया था, उन्हें जवाब मिल गया. आज हमारे नेता का सम्मान भी पुनर्स्थापित हुआ है और जदयू के कार्यकर्ताओं का भी विश्वसनीयता बनी है. जहां तक मंत्रिमंडल का प्रश्न है, ये प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच में चर्चा और समन्वय का विषय है. उस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.'
क्या केंद्रीय कैबिनेट में बिहार को प्रतिनिधित्व देने में जातीगत समीकरण का भी ध्यान रखा जाएगा, इस पर जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा, 'जदयू सभी वर्गों की पार्टी है. लेकिन कोर कॉन्स्टिचुएंसी जिसका निर्माण कर्पूरी ठाकुर और बाद में नीतश कुमार ने किया है, वे समाज के बहुत पिछड़े वर्ग से आते हैं. उनको सही प्रतिनिधित्व मिले यह जनता दल यूनाइटेड की दिली इच्छा है. पिछली बार बिहार से जिन वर्गों को केंद्रीय कैबिनेट में प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया था, इस बार उनको भी मौका मिलेगा इसकी हमें पूरी उम्मीद है. पिछड़े वर्ग से जो सांसद चुनकर आए हैं, उन्हें बिल्कुल केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिलेगी.'