नई दिल्ली
दिल्ली की एक अदालत ने कथित एक्साइज घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुग्राम की कंपनी बड्डी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और बिजनेसमैन अमित अरोरा को दो हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी है। ईडी और सीबीआई मामलों की स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने 6 जून को पारित आदेश में कहा कि आरोपी की पत्नी की एक सर्जरी होनी है और ऐसे में आरोपी को उनकी देखभाल करने की जरूरत है। सीबीआई ने अरोरा को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का करीबी बताया है।
स्पेशल जज ने आरोपी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा द्वारा प्रस्तुत दलीलों पर गौर किया जिसमें बताया गया कि आरोपी की पत्नी के पिता की मृत्यु पहले ही हो चुकी है और उसकी मां की आयु लगभग 72 वर्ष है और वह मोहाली, पंजाब में रहती हैं, जबकि उनके दो भाई बेंगलुरू और लंदन (ब्रिटेन) के निवासी हैं। न्यायाधीश ने आगे कहा कि कोई भी अन्य पारिवारिक सदस्य, कजिन आदि घर में या उसके आसपास के इलाके में नहीं रहता है और पत्नी व बच्चों की देखभाल के लिए शायद ही कभी आवेदक के घर आता है। साथ ही जज ने यह भी कहा कि वैसे भी परिवार के सदस्य (चचेरे भाई-बहन), पति या पिता की अनुपस्थिति की भरपाई नहीं कर सकते हैं और आवेदक के परिवार के सदस्यों की अच्छी देखभाल नहीं कर सकते हैं।
जज ने कहा, 'प्रस्तुत किए गए तर्कों पर विचार करने तथा मामले के पेपर्स देखने के बाद, जिसमें आवेदक की पत्नी के मेडिकल डॉक्यूमेंट्स, उसके दोनों बच्चों की मेडिकल कंडिशन को बताया गया है तथा इस तथ्य पर विचार करने के बाद कि आवेदक या उसकी पत्नी के परिवार में कोई अन्य व्यक्ति नहीं है जो सर्जरी के बाद उचित देखभाल और सहायता प्रदान कर सके, विचाराधीन आवेदन को स्वीकार किया जाता है।'
CBI ने बताया सिसोदिया का करीबी सहयोगी
अरोरा को ईडी ने 29 नवंबर 2022 को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया था। ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग केस CBI की FIR से जुड़ा हुआ है। जांच एजेंसी ने दावा किया था कि अरोरा सिसोदिया के करीबी सहयोगी थे और वे शराब लाइसेंसधारियों से एकत्र अवैध धन के प्रबंधन और हेराफेरी में सक्रिय रूप से शामिल थे। बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और बीआरएस नेता के. कविता समेत अन्य लोग इस मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
दो लाख के मुचलके और दो लाख की जमानत पर छोड़ा
कोर्ट ने दो लाख रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर आरोपी को राहत प्रदान की। साथ ही जज ने आरोपी को इस बात का भी निर्देश दिया कि जब तक पत्नी के इलाज के लिए आवश्यक ना हो, वो दिल्ली एनसीआर से बाहर ना जाए। साथ ही अंतरिम जमानत देते हुए न्यायाधीश ने यह निर्देश भी दिए कि 'इस दौरान आरोपी सबूतों के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ या उन्हें नष्ट नहीं करेगा और ना तो किसी गवाह को प्रभावित करेगा और ना ही ऐसा करने की कोशिश करेगा। वह किसी आपराधिक गतिविधि में भी शामिल नहीं होगा और किसी भी प्रकार का अपराध भी नहीं करेगा। वह किसी भी उद्देश्य के लिए उसे दी गई अंतरिम जमानत का दुरुपयोग नहीं करेगा।' पाहवा ने दलील दी कि अरोरा को पहले भी इसी आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी और ऐसा कोई आरोप नहीं है कि उन्होंने राहत का दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा कि आरोपी 480 दिनों से अधिक समय से हिरासत में है।