नई दिल्ली
देश में जब NDA बना, तो उस समय देश में अल्पमत की गठबंधन सरकारों का दौर चल रहा था। दशकों से कोई भी सरकार पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई थी। सितंबर 1999 में जब अटल बिहारी वाजपेयी NDA के नेता और देश के प्रधानमंत्री थे, तब नरेंद्र मोदी भाजपा के सबसे युवा महासचिव थे। मोदी ने एनके सिंह को दिए एक इंटरव्यू में NDA को लेकर भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि देश के राजनीतिक इतिहास में एनडीए सबसे संफल गठबंधन साबित होगा। नरेंद्र मोदी की यह भविष्यवाणी अब सच साबित हो रही है, क्योंकि देश में लगातार तीसरी बार NDA गठबंधन पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहा है। एनडीए ही देश में पहला गठबंधन था, जिसकी सरकार पूरे पांच साल तक चली। हालांकि, इसके बाद कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए गठबंधन ने भी 10 साल सरकार चलाई। लेकिन, बाद में यह गठबंधन भंग हो गया।
नरेंद्र मोदी ने एनके सिंह को दिए इंटरव्यू में NDA को ब्रॉड स्पेक्ट्रम यानी व्यापक गठबंधन बताते हुए कहा था कि NDA किसी को हराने, किसी का रास्ता रोकने जैसी संकुचित सोच के साथ नहीं बनाया गया है, बल्कि NDA का मकसद राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ देश को स्थिर शासन देना है। असल में एनके सिंह ने सवाल पूछा था कि एनडीए में शामिल दलों वैचारिक स्तर पर अलग-अलग हैं, ऐसे में कहीं यह गठबंधन देश के लोगों से वोटों की ठगी के लिए तो नहीं बना है। इसका जवाब देते हुए मोदी ने कहा, यह वास्तव में एक प्रयोग है, जो भारतीय राजनीति के इतिहास में एक आदर्श उदाहरण के रूप में दर्ज किया जाएगा।
NDA एक इंद्रधनुष की तरह है, जहां सभी सात रंगों को एकसाथ देखा जा सकता है। यह इंद्रधनुष बना रहेगा और सूरज (अटल बिहारी वाजपेयी) की किरणों में और चमकेगा। दशकों पहले गठबंधन को लेकर नरेंद्र मोदी का यह नजरिया यह भी बताता है कि वे गठबंधन की सरकारों के कामकाज के तरीकों से वाकिफ हैं और असल में जब NDA बना था, तो भाजपा के महासचिव के तौर पर वे गठबंधन सरकार के कामकाज को करीब से देख समझ रहे थे।