देहरादून
भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में अंतिम पग भरते ही 355 युवा भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इनके साथ ही मित्र देशों के 39 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। उत्तरी कमांड के जीओसी ले. जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने पासिंग आउटपरेड की सलामी ली। उन्होंने कहा कि युवा अधिकारियों को अप्रत्याशित चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।
कैडेट ने सुबह आईएमए के चेडवुड ड्रिल स्क्वायर से कसम लेकर कदम ताल करते हुए विजय धुन पर परेड मार्च किया। उत्तरी कमांड के जीओसी ले. जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर परेड का निरीक्षण किया। इस मौके पर सेना के हेलीकॉप्टरों से पुष्प वर्षा की गई। दर्शक दीर्घा में बैठे परिजन उनकी हौसला अफजाई के लिए मौजूद रहे। इन कैडेट ने आईएमए से अंतिम पग भरने और कसम परेड के बाद सेना में बतौर लेफ्टिनेंट सेवा का पहला कदम बढ़ाया।
आईएमए पीओपी में 154 वें नियमित और 137 वें तकनीकी ग्रेजुएट कोर्स के कुल 394 कैडेट्स और 39 विदेशी कैडेट अलग-अलग कोर से बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश के मुख्यधारा में शामिल हो गए। भारतीय थल सेना को 355 कैडेट्स अफसर मिले हैं। 39 युवा सैन्य अधिकारी मित्र देशों के सेना के अभिन्न अंग बने।
उल्लेखनीय है कि आईएमए एक अक्टूबर 1932 को अस्तित्व में आया था। पिछले 92 वर्ष में अकादमी ने प्रशिक्षण क्षमता 40 से 1650 जैंटलमैन कैडेट तक बढ़ा दी है। अब तक 65,628 जैंटलमैन कैडेट्स अकादमी से पास आउट हुए हैं। इनमें मित्र देशों के लिए 2,953 मित्र देशों के कैडेट्स भी शामिल हैं।