भोपाल
मध्य प्रदेश में सीबीआई की बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआई छतरपुर के महाप्रबंधक और परियोजना निदेशक को एक निजी कंपनी के कर्मचारियों से 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने इस रिश्वत मामले में एनएचएआई के एक सलाहकार और निवासी इंजीनियर तथा निजी कंपनी के चार कर्मचारियों सहित छह अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने 8 जून को गिरफ्तार किए गए सात आरोपियों एक निजी कंपनी और उसके दो निदेशकों सहित दस आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
बता दें, कि सीबीआई ने रिश्वत के आरोपों के तहत कि उक्त निजी कंपनी के दो निदेशकों ने अपने आरोपी कर्मचारियों के साथ साजिश करके एनएचएआई द्वारा उक्त निजी कंपनी को दिए गए झांसी-खजुराहो परियोजना के संबंध में अंतिम हस्तांतरण, एनओसी जारी करने और अंतिम बिल की प्रक्रिया के लिए एनएचएआई अधिकारियों को अनुचित लाभ देकर अनुचित लाभ प्राप्त किया है।
इस मामले में कार्रवाई करने के लिए सीबीआई ने अपना जाल बिछाया और आरोपी एनएचएआई छतरपुर मध्य प्रदेश के महाप्रबंधक और परियोजना निदेशक को निजी कंपनी के कर्मचारियों से 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। प्रशासन की टीम के द्वारा विभिन्न जगहों पर छतरपुर, लखनऊ, कानपुर, आगरा और गुरुग्राम जैसे अलग अलग ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की जा रही है। आरोपी व्यक्तियों के जितने भी परिसर हैं उनकी तलाशी ली जा रही है, यहां से डिजिटल उपकरणों सहित आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार आरोपियों को भोपाल की एक अदालत में पेश किया जाएगा।
गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान निजी कंपनी के निदेशक योगेश जैन और टी.आर. राव, निजी कंपनी के कर्मचारी सत्यनारायण अंगुलुरी, बृजेश मिश्रा, अनिल जैन और शुभम जैन चारों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा पुरुषोत्तम लाल चौधरी महाप्रबंधक एनएचएआई छतरपुर, शरद वर्मा सलाहकार एनएचएआई छतरपुर और प्रेम कुमार सिन्हा, एनएचएआई सलाहकार के रेजिडेंट इंजीनियर (आरई) के रूप में हुई है। सीबीआई की टीम सख्ती से इस मामले की जांच में जुटी हुई है। इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।