भुवनेश्वर नई दिल्ली
ओडिशा विधान सभा चुनाव के नतीजे आए हुए एक हफ्ते हो चुके हैं लेकिन अभी तक भाजपा यह तय नहीं कर सकी है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। हालिया चुनावों में भाजपा को सरकार बनाने का जनादेश मिला है और तब से ही कयासों का दौर जारी है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव को पर्यवेक्षक बनाकर भुवनेश्वर भेजा है। आज (मंगलवार) शाम ओडिशा भाजपा विधायक दल की बैठक होने जा रही है। माना जा रहा है कि देर शाम तक यह साफ हो जाएगा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।
राज्य में नए मुख्यमंत्री की खोज के साथ-साथ दूसरी तरफ राज्य के अधिकारी नया मुख्यमंत्री आवास ढूंढ़ने में परेशान हैं क्योंकि पिछले 24 साल से नवीन पटनायक वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे और अपने घर 'नवीन निवास' को ही आधिकारिक तौर पर मुख्यमंत्री का आवास बना दिया था। बता दें कि साल 2000 में नवीन पटनायक ने ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उसके बाद उन्होंने सरकार द्वारा आवंटित सीएम आवास में शिफ्ट होने की बजाय अपने घर से ही काम करने का विकल्प चुना था।
पटनायक के इस फैसले की तब काफी सराहना की गई थी और इसे एक मिसाल के तौर पर लिया गया था। नवीन पटनायक के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक ने नवीन निवास नाम की भव्य हवेली बनवाई थी। नवीन पटनायक पिछले 24 साल से इसी हवेली से राज्य का बागडोर संभाल रहे थे। वह सबसे लंबी अवधि तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बनाने से एक महीने पहले ही चुनावों में भाजपा से हार गए थे।
हालिया चुनावों में 147 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा को 78 सीटों पर जीत के साथ ही बहुमत मिला है। राज्य में पहली बार भाजपा की सरकार बनने जा रही है। भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) तथा जम्मू कश्मीर के पूर्व उप राज्यपाल गिरीश मुर्मू का भी नाम सीएम पद की दौड़ में शामिल है। जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब मुर्मू उनके प्रधान सचिव रहे थे।
कई पार्टी नेताओं ने कहा कि भाजपा नेतृत्व मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तरह किसी नए नाम को प्रस्तुत कर सभी को चौंका सकता है। अधिकारियों के मुताबिक, नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 12 जून को शाम पांच बजे आयोजित किया जा सकता है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को अपराह्न ढाई बजे भुवनेश्वर पहुंच सकते हैं और हवाई अड्डे से राजभवन जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार बाद में वह शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए जनता मैदान पहुंचेंगे। शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रस्तावित स्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं।