श्योपुर
चीतों के लिए नया ठिकाना अब केंद्र की नई सरकार तय करेगी। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के चलते इस पर निर्णय नहीं हो सका था। आचार संहिता हटने के बाद दिल्ली में 10 जून को बैठक आयोजित की गई थी, लेकिन मोदी कैबिनेट के शपथ ग्रहण समारोह के चलते बैठक निरस्त कर दी गई।
श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क के अतिरिक्त चीतों को अन्य स्थान पर भी बसाने का निर्णय अगली बैठक में लिया जाएगा। इसके लिए मध्य प्रदेश में ही गांधी सागर अभयारण्य लगभग तैयार कर लिया गया है। चीतों की खुराक लिए यहां 300 से अधिक चीतल छोड़े जा रहे हैं।
गांधी सागर में चीता पुनर्वास का पुराना प्लान निरस्त कर नया प्लान स्वीकृत कर दिया गया। वन विभाग ने वनमंडल मंदसौर के अंतर्गत गांधी सागर अभयारण्य अंतर्गत चीता पुनर्वास के लिए वन्यप्राणी संरक्षण एवं रहवास विकास कार्यों के लिए 31 अगस्त 2022 को 84 लाख रुपये के चार वर्षीय प्रोजेक्ट को स्वीकृत किया था, लेकिन अब इस प्रोजेक्ट को निरस्त कर दिया गया है।
इसके पीछे कारण बताया गया कि यह प्रोजेक्ट वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन प्लान के अनुरुप नहीं था। इसके स्थान पर अब 10 वर्षीय प्लान स्वीकृत किया गया है, जिसमें 43 लाख 20 हजार रुपये की राशि मंजूर की गई है। यह राशि टाइगर फाउंडेशन समिति से ली जाएगी।
नए दस वर्षीय प्लान इन गतिविधियों पर होगा व्यय
नए दस वर्षीय प्लान के अनुसार, गांधी सागर अभयारण्य में वन्यप्राणियों के लिए वाटर सोर्स पर दो लाख रुपये, वन्यजीवों के संरक्षण के लिए बुनियादी ढांचे, बचाव वार्ड, पशु चिकित्सा निधि, पिंजरों आदि के निर्माण के लिए चार लाख रुपये, रावलीकुडी बीट में जलाशय बनाने पर 11 लाख रुपये।
बीट करनापुरा में जलाशय की मरम्मत पर छह लाख रुपये, बीट खेमला पश्चिम क्रमांक 449 में जलोद्धार के लिए तीन लाख रुपये, बीट रावलकुडी क्रमांक 944 में जलोद्धार के लिए तीन लाख रुपये, नीमचौक में चीता फेंसिंग क्षेत्र में चारागाह विकास के लिए छह लाख रुपये, गांधीसागर में कैम्पों, खेल व क्वीज काम्पीटशन के माध्यम से जागरुकता कार्यक्रम चलाने पर पांच लाख 20 हजार रुपये और थर्ड पार्टी मानीटरिंग के लिए एक लाख रुपये का बजट प्रविधान किया गया है।