मध्यप्रदेश

मकान किराए पर लेकर रहने वाला किराएदार अब उस पर कब्जा नहीं कर पाएगा

भोपाल
मकान किराए पर लेकर रहने वाला किराएदार अब उस पर कब्जा नहीं कर पाएगा। अनुबंध में निर्धारित अवधि पूरी होने पर उसे मकान खाली करना होगा। यदि वह ऐसा नहीं करता है तो शिकायत पर किराया प्राधिकारी बेदखली की कार्रवाई करेंगे। किराएदार की मृत्यु होने पर उसके उत्तराधिकारी को वहां रहने का अधिकार होगा, किंतु उसे भी अनुबंध का पालन करना होगा।
 
तंग नहीं कर सकता मकान मालिक
मकान मालिक भी किराएदार को तंग नहीं कर सकेगा। वह जल, विद्युत, पाइप कुकिंग गैस की आपूर्ति, मार्ग, लिफ्ट, सीढ़ियों पर प्रकाश, सफाई व्यवस्था, पार्किंग, संचार माध्यम, स्वच्छता सेवाएं और सुरक्षा संबंधी सुविधाएं बाधित नहीं करेगा। किराएदार के परिसर में प्रवेश का उसे कोई अधिकार नहीं रहेगा।
 
विधेयक का प्रारूप तैयार
मकान मालिक और किराएदार के अधिकार का संरक्षण करने के लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने किराएदारी अधिनियम विधेयक का प्रारूप तैयार किया है, जिसे विधानसभा के मॉनसून सत्र में प्रस्तुत किया जा सकता है।

केंद्र सरकार ने दिए थे निर्देश
केंद्र सरकार ने मकान मालिक और किराएदार के अधिकारों के संरक्षण के लिए सभी राज्यों को कानूनी प्रावधान करने के लिए दिशा निर्देश दिए थे। इसके अनुसार, नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने अधिनियम का प्रारूप तैयार किया है। इसमें मालिक और किराएदार को लिखित अनुबंध करके जानकारी दो माह के अंदर किराया प्राधिकारी को देनी होगी। निर्धारित अवधि के बाद किराएदार को मकान या भूखंड खाली करना होगा। आपदा की स्थिति में अवधि समाप्त होने पर भी किराएदार से मकान खाली नहीं कराया जाएगा पर उसे अनुबंध के अनुसार किराया देना होगा। किराएदार की मृत्यु होने पर उसके उत्तराधिकारी को रहने का अधिकार होगा पर उसे भी अनुबंध का पालन करना होगा।

कई बार यह शिकायत भी आती है कि किराएदार ने मकान मालिक को बताए बिना किराएदार रख लिया। ऐसा बिना सहमति के नहीं किया जा सकेगा। किराएदार अनुबंध समाप्त होने के बाद भी मकान खाली नहीं करता है तो पहले दो माह तक दोगुना और फिर इसके बाद चार गुना मासिक किराया देना पड़ेगा।

मकान मालिक किराएदार को बताए बिना कभी भी परिसर में प्रवेश नहीं करेगा। मकान में मरम्मत या अन्य कार्य करवाने, निरीक्षण या अन्य किसी कारण से प्रवेश करना है तो 24 घंटे पहले सूचना देनी होगी। किराएदार को तंग करने के लिए जल, विद्युत, पाइप कुकिंग गैस की आपूर्ति, मार्ग, लिफ्ट, सीढ़ियों पर प्रकाश, सफाई व्यवस्था, पार्किंग, संचार माध्यम, स्वच्छता सेवाएं और सुरक्षा संबंधी सुविधाएं बाधित नहीं की जाएंगी।

किराया अधिकरण बनेगा
प्रस्तावित विधेयक के अनुसार प्रत्येक जिले में किराया अधिकरण होगा। इसमें न्यायिक अधिकारी की नियुक्ति होगी। इन्हें शिकायत का निराकरण 60 दिन के भीतर करना होगा। आदेश का पालन करने के लिए स्थानीय निकाय या पुलिस की सहायता ले सकेंगे। परिसर का कब्जा दिलाने या वसूली के लिए कुर्की भी करा सकेंगे। किराएदारी कानून के प्रविधान शासकीय परिसर, धार्मिक या ट्रस्ट के अलावा वक्फ अधिनियम के अधीन पंजीकृत न्यास के स्वामित्व वाले परिसर पर लागू नहीं होंगे।

About the author

Satyam Tiwari

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com