पुणे,
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद पवार (राकांपा-एसपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उनका प्रयास महाराष्ट्र की कमान संभालना है और इसके लिए उनकी पार्टी को इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करनी होगी।
हाल में संपन्न आम चुनावों में शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) ने महाराष्ट्र में लोकसभा की दस सीट पर चुनाव लड़ा था और आठ पर जीत हासिल करके प्रभावशाली प्रदर्शन किया।
पवार की पुत्री और राकांपा (एसपी) उम्मीदवार सुप्रिया सुले ने अपने चचेरे भाई अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को हराकर बारामती सीट पर लगातार चौथी बार जीत हासिल की।
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही शरद पवार बारामती में लोगों से मिल रहे हैं और राज्य विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रहे हैं।
बारामती के शिरसुफल गांव में लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चुनाव के दौरान बारामती निर्वाचन क्षेत्र के लोग चुप रहे।
उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी के पदाधिकारी मुझसे कहते थे कि बारामती के लोग चुप हैं और वह खुलकर कुछ भी नहीं कह रहे हैं। मैंने उनसे कहा कि चिंता न करें क्योंकि भले ही यहां कि जनता कुछ नहीं कह रही हो, लेकिन वे बटन (ईवीएम में) सही दबाएंगे। और अंत में वही हुआ। जैसे ही ईवीएम खुलीं, जादू दिखा क्योंकि आप लोगों ने बड़ी संख्या में मतदान किया।’
नजदीक आते हुए राज्य विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शरद पवार ने लोगों से एकजुट रहने की अपील की।
उन्होंने कहा, ‘अगले तीन या चार महीने में राज्य विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मेरा प्रयास राज्य की कमान संभालने का होगा और इसे हासिल करने के लिए हमें विधानसभा चुनाव जीतना होगा।’
शरद पवार ने इस दौरान याद दिलाया कि वह चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, एक दशक तक केंद्रीय कृषि मंत्री और दो साल तक रक्षा मंत्री रह चुके हैं।
उन्होंने कहा, ‘यह सब तभी संभव हो सकता है जब आपके पास सामूहिक शक्ति हो। आपने जो मुद्दे मेरे सामने रखे हैं, मैं उनका समाधान करने का प्रयास करूंगा। हालांकि, अभी मैं आश्वासन नहीं दे सकता क्योंकि दूसरी सरकार है। लेकिन चार महीने बाद, हम निश्चित रूप से इन मुद्दों का समाधान कर सकते हैं।’
शरद पवार ने लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणियों को लेकर उनकी आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री ने कई ऐसे विषयों पर बात की, जिन पर टिप्पणी करने से बचा जा सकता था।’