नई दिल्ली
आंध्र प्रदेश के नए सीएम चंद्रबाबू नायडू तिरुपति मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे। परिवार समेत भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के बाद चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हम मंदिर का शुद्धिकरण करेंगे और जो गलत चीजें शुरू हुई हैं, उन्हें दूर किया जाएगा। नायाडू ने कहा कि हम हिंदू आस्था की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के ट्रस्ट में काफी गड़बड़ियां हैं। इन्हें दूर किया जाएगा। उनका इशारा जगन मोहन रेड्डी सरकार के दौर में हुए बदलावों की ओर था। उन्होंने कहा कि मैं तिरुमला में करप्शन को खत्म करने और हिंदू आस्था की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हूं।
इस दौरान नायडू ने सीधे तौर पर पूर्व की जगनमोहन रेड्डी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तिरुपति तिरुमला देवस्थानम में जगनमोहन सरकार ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। अब हम उसे दूर करेंगे। उन्होंने कहा कि हम राज्य में सफाई अभियान की शुरुआत तिरुमला से करेंगे। उन्होंने कहा, 'तिरुमला में कुछ और नहीं सिर्फ गोविंदा का नाम ही गूंजेगा। पवित्र तिरुमला को खराब करना सही नहीं है। आप जब तिरुपति आते हैं तो यहां बैकुंठ जैसा महसूस होना चाहिए। यहां ओम नमो वेंकटेशाय के अलावा कोई और नारा नहीं गूंजना चाहिए।'
रेड्डा सरकार पर बरसते हुए नायडू ने कहा कि बीते 5 सालों में यहां की व्यवस्था बहुत खराब हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने तो इस मंदिर को बाजार के हवाले कर दिया था। उन्होंने कहा कि यहां प्रसाद अच्छी क्वॉलिटी का होना चाहिए। रेट नहीं बढ़ना चाहिए। इसके अलावा दर्शन के लिए ब्लैक मार्केट में टिकट की बिक्री होना भी गलत है। उन्होंने कहा कि आस्था के इस सच्चे केंद्र को जगनमोहन सरकार ने गांजा, शराब और नॉन-वेज खाने का केंद्र बना दिया था।
बता दें कि तिरुमला को लेकर एक विवाद बीते साल भी हुआ था, जब जगन सरकार ने तिरुपति से वाईएसआर कांग्रेस के विधायक करुणाकर रेड्डी को ट्रस्ट का अध्यक्ष बना दिया था। इसे लेकर टीडीपी ने निशाना साधा था। उसका कहना था कि करुणाकर को अध्यक्ष बनाना गलत है क्योंकि उनका हिंदू धर्म से ताल्लुक ही नहीं है और वह ईसाई मत को मानते हैं। टीडीपी के सचिव बुची राम प्रसाद ने कहा था, 'उनका तो हिंदुत्व में कोई यकीन ही नहीं है। उनके ईसाई कनेक्शंस के बारे में कोई नहीं जानता।'