मुंबई,
अभिनेता फारुख सईद ने सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न के शो ‘पुकार दिल से दिल तक’ में अपने किरदार किशोरी लाल पर प्रकाश डाला है। सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न के नए लॉन्च किए गए ड्रामा 'पुकार – दिल से दिल तक' ने प्यार, नुकसान और मुक्ति की अपनी मनोरंजक कहानी से दर्शकों का मनमोह लिया है। जयपुर की खूबसूरत पृष्ठभूमि पर आधारित यह शो एक मां सरस्वती (सुखदा खांडकेकर) और उसकी दो बेटियों वेदिका (सायली सालुंके) और कोयल (अनुष्का मर्चेंड) के सफर पर आधारित है, जिन्हें एक भयावह साज़िश ने क्रूरतापूर्वक अलग कर दिया था। लेकिन किस्मत के चलते उनकी राहें फिर से मिलती हैं, और साथ मिलकर उन्हें उन ताकतों का सामना करना होगा जिन्होंने उनके परिवार को अलग कर दिया था।
फारुख सईद वेदिका के पालक पिता किशोरी लाल की भूमिका निभा रहे हैं, जो संस्कृत के एक समर्पित शिक्षक हैं, और अपने स्कूल में बच्चों को मुफ़्त में यह भाषा पढ़ाते हैं। अपने खुद के बच्चे की चाहत में, किशोरी लाल और उनकी पत्नी जंगल में वेदिका को पाने के बाद उसे गोद ले लेते हैं, और वे उसे अपने परिवार में शामिल करके उन लोगों से बचाने की कोशिश करते हैं जिनसे उसे जान का खतरा है। उसकी निस्वार्थता और अटूट प्रेम की भावना इस किरदार में गहराई जोड़ती हैं, जिससे उसका सफर और काम शो की प्रमुख बातों में से एक बन जाते हैं। उसका निष्ठावान स्वभाव वेदिका में भी झलकता है, जो अपने पालक माता-पिता का समर्थन करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है, खासकर जब उनकी पैतृक संपत्ति पर दिग्विजय माहेश्वरी (विमर्श रोशन) का कब्ज़ा होने का खतरा पैदा होता है।
अभिनेता फारुख सईद ने अपने किरदार पर प्रकाश डालते हुए कहा, किशोरी लाल का किरदार निभाना बहुत ही फायदेमंद अनुभव रहा है। इस भूमिका से मुझे गोद लेने की खूबसूरती को एक्सप्लोर करने और इसके महत्व को उजागर करने का मौका मिला, क्योंकि यह सबब मेरे दिल के बहुत करीब है। किशोरी लाल को लेकर जो बात मुझे बहुत पसंद है, वह उसका बिल्कुल निस्वार्थ स्वभाव है, और वह हमेशा समाज का भला करने की कोशिश में रहता है। वेदिका को गोद लेने के मामले को भी देखें, तो वह पूरी अजनबी थी, लेकिन किशोरी लाल उसे अपने घर ले जाता है, यह जानते हुए भी कि उसका अतीत संघर्षपूर्ण रहा है जिससे अंततः उसकी जान पर खतरा बन सकता है। वह हर हालत में उसे सुरक्षित रखना और उसे बेहतरीन जीवन देना चाहता था। साथ ही, किशोरी लाल और उसकी बेटी वेदिका के बीच का रिश्ता देखना बहुत ही सुंदर है। किसी बच्चे को गोद लेना जीवन बदलने वाला निर्णय है क्योंकि फिर आप पर उनके भविष्य को आकार देने की ज़िम्मेदारी होती है; किशोरी लाल और उसकी पत्नी दोनों ने यह अच्छा कर्म किया, और इसने वाकई मेरे दिल को छू लिया, और यही एक कारण था कि मैंने इस भूमिका के लिए हां कहा।
सायली सालुंखे के साथ काम करने पर चर्चा करते हुए, फारुख सईद ने कहा, सायली ने अपने किरदार को बहुत अधिक जीवंत बना दिया है और इसकी प्रामाणिकता को बढ़ा दिया है; उनका समर्पण और कलात्मकता हर सीन को खास बना देती है, और पर्दे के पीछे की हमारी मौज-मस्ती हमारे कामकाज़ी संबंधों का एक सुखद पहलू बन जाती है। यह शो न केवल एक सम्मोहक कहानी बताता है बल्कि सार्थक संदेशों का प्रचार भी करता है और मुझे इसका हिस्सा होने पर गर्व है।