केरल
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने दावा किया है और गंभीर आरोप लगाए हैं कि केंद्र सरकार ने उन्हें कुवैत जाने की इजाजत नहीं दी, जबकि वह कुवैत अग्निकांड में मारे गए लोगों के परिजनों और हादसे में घायल हुए लोगों को मदद पहुंचाने के लिए वहां जाना चाहती थीं। विपक्षी कांग्रेस भी इस मामले में कूद पड़ी है। केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य की स्वास्थ्य मंत्री को कुवैत जाने की अनुमति नहीं दी गई।
केरल में विपक्षी कांग्रेस ने खाड़ी देश में आग की दुखद घटना से प्रभावित मलयाली लोगों के लिए राहत प्रयासों में समन्वय करने के वास्ते राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज को कुवैत जाने की अनुमति देने से इनकार करने के केंद्र के फैसले की शुक्रवार को आलोचना की है। सतीशन ने कहा ‘‘राज्य सरकार का एक प्रतिनिधि राहत प्रयासों के बेहतर समन्वय में मदद करता। राज्य का प्रतिनिधि भी केंद्र सरकार को राहत प्रयासों में मदद करने में सक्षम होता। केंद्र सरकार को राज्य की स्वास्थ्य मंत्री को तुरंत मंजूरी दे देनी चाहिए थी। केंद्र की ओर से यह गलत संदेश था।’’
इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने गुरुवार की रात कहा, ''हमने केंद्र सरकार से कुवैत जाकर त्रासदी से प्रभावित अपने लोगों के साथ खड़े होने और वहां गतिविधियों में समन्वय करने की अनुमति मांगी थी जो नहीं दी गई।’’ राज्य सरकार ने घायलों के इलाज और जान गंवाने वालों के पार्थिव शरीर वापस लाने सहित राहत कार्यों में मदद के लिए वीणा जॉर्ज को कुवैत भेजने का फैसला किया था।
बताया जाता है कि वीणा जॉर्ज विदेश मंत्रालय से अनुमति मिलने की उम्मीद में हवाई अड्डे पर घंटों इंतजार करती रहीं। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिणी कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में सात मंजिला इमारत के रसोईघर में भीषण आग लगने से 49 विदेशी मजदूरों की मौत हुई थी और 50 अन्य घायल हुए थे। इनमें से 42 भारतीय थे और शेष पाकिस्तान, फिलिपीन, मिस्र और नेपाल के नागरिक थे।
उन्होंने बताया कि इमारत में 195 प्रवासी मजदूर रहते थे। अधिकारियों ने बताया कि आग की घटना में मारे गए 31 भारतीयों में से केरल के 23, तमिलनाडु के सात और कर्नाटक का एक व्यक्ति शामिल है। बता दें कि कुवैत में एक बहुमंजिली इमारत में आग से मारे गए 45 भारतीयों के शवों को लेकर भारतीय वायु सेना का एक विमान आज सुबह कोच्चि पहुंचा।