मदीना
चिलचिलाती गर्मी और मध्य एशिया में तनाव के बावजूद दुनियाभर से मुसलमान हज यात्रा के लिए मक्का पहुंच रहे हैं। हज जायरीन बड़ी संख्या में सऊदी अरब के मक्का पहुंचे हैं। इस सप्ताह के आखिर में हज यात्रा शुरू होनी है। सऊदी अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार तक 15 लाख से अधिक विदेशी हज जायरीन देश में पहुंच चुके हैं, जिनमें से अधिकतर दुनिया भर के अलग-अलग देशों से हवाई मार्ग से यहां पहुंचे हैं। बता दें कि इस बार 14 जून से 19 जून तक हज यात्रा चलेगी।
अधिकारियों के मुताबिक, शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर शुरू हो रहे हज के लिए और भी लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। इसके अलावा, सऊदी अरब में रहने वाले हजारों मुसलमान और अन्य लोग भी हज में शामिल होंगे। सऊदी अधिकारियों ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल हज यात्रा में शामिल होने वाले लोगों की संख्या 2023 से ज्यादा होगी। उन्होंने बताया कि 2023 में 18 लाख से ज्यादा लोगों ने हज किया था जबकि कोविड वैश्विक महामारी से पहले, 2019 में 24 लाख से ज्यादा मुसलमानों ने हज किया था।
फलस्तीनी मंत्रालय के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में मक्का पहुंचने वाले हज जायरीनों में 4,200 फलस्तीनी लोग भी शामिल हैं। वहीं गाजा के कोस्टल एन्क्लेव से फिलिस्तीनी हज यात्रा के लिए नहीं पहुंच पाए। यहां राफा बॉर्डर को सील कर दिया गया है। वहीं जो फिलिस्तीनी यात्रा मक्का पहुंचे हैं वे वेस्ट बैंक से हैं। वहीं सऊदी अरब प्रशासन का कहना है कि गाजा के युद्ध में मारे गए या फिर घायल हुए 1000 से ज्यादा लोगों के परिवार के लोग भी मकका पहुंचे हैं। उन्हें किंग सलमान ने आमंत्रित किया था। वहीं 1000 लोग पहले से ही गाजा से बाहर थे।
मक्का की विशाल मस्जिद में मंगलवार को हज जायरीनों की भारी भीड़ दिखाई दी और उन्होंने काबा के चारों ओर सात बार घूमकर एक रिचुअल पूरा किया। मक्का मस्जिद को इस्लाम का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। मंगलवार को तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, और कई लोग धूप से बचने के लिए छाता लिये हुए दिखाई दिए। हज के लिए मक्का पहुंची मोरक्को की एक महिला रबिया अल-राघी ने कहा, ''जब मैं अल-मस्जिद अल-हरम पहुंची और काबा को देखा तो मुझे राहत मिली। मैं बहुत खुश हूं।'' महिला अपने पति और बेटी के साथ यहां पहुंची हैं।
इस साल सीरिया से भी यात्री मक्का पहुंच रहे हैं। दमस्कस से इस साल सीधी फ्लाइट सऊदी अरब के लिए चलाई गई है। बता दें कि हज यात्रा को इस्लाम में पांच स्तंभों में से एक माना जाता है। जीवन में कम से कम एक बार पांच दिन की हज यात्रा जरूरी बताई गई है।