ल्यूसेर्नी.
यूक्रेन में युद्ध खत्म करने के लिए रूस पर दबाव बनाने की खातिर वैश्विक नेता शनिवार को एक शिखर सम्मेलन के लिए स्विट्जरलैंड में एकत्रित हुए हैं। हालांकि चीन जैसे मॉस्को के शक्तिशाली सहयोगियों की मौजूदगी से इसका संभावित प्रभाव कुंद होने की आशंका है। रूस ने इस कार्यक्रम में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, लेकिन यूक्रेन के दर्जनों सहयोगी हिस्सा ले रहे हैं, जो उसके कूटनीतिक दबदबे की परीक्षा होगी।
हालिया सैन्य उलटफेर ने कीव को बैकफुट पर ला दिया है। उधर, गाजा में इस्राइल-हमास युद्ध के चलते भी दुनिया का ध्यान यूक्रेन से हटा है। सूत्रों ने कहा कि शिखर सम्मेलन में बातचीत के दौरान युद्ध से उत्पन्न खाद्य, परमाणु सुरक्षा व नेविगेशन की स्वतंत्रता जैसी व्यापक चिंताओं पर ध्यान केंद्रित होने की संभावना है। उम्मीद है कि अंतिम घोषणा के मसौदे में रूस को आक्रामक के रूप में पहचाना जाएगा। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने इस आयोजन को महत्वपूर्ण कदम बताया है।
पुतिन ने दोहराया-नॉटो की महत्वाकांक्षा छोड़े यूक्रेन
सभा की पूर्व संध्या पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दोहराया, युद्ध तभी खत्म होगा जब कीव अपनी नाटो महत्वाकांक्षाओं को छोड़ने और मॉस्को द्वारा दावा किए गए सभी चार प्रांतों को सौंपने के लिए सहमत हो। उधर, यूक्रेन ने रूस की मांगों को आत्मसमर्पण के बराबर मानकर खारिज कर दिया गया। पुतिन बोले भू-राजनीतिक विभाजन ने आयोजन को बाधित कर दिया है।