तिरुवनंतपुरम.
केरल में भाजपा तिरुवनंतपुरम जिला समिति ने केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी का जिला समिति कार्यालय में स्वागत किया। सुरेश गोपी ने यहां मौजूद लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा वह एसएफआई में थे, लेकिन उनके शिफ्ट होने की वजह राजनीति नहीं है। यह केवल भावनात्मक है केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने कहा, "मेरे पिता का परिवार कांग्रेसी परिवार था। मेरी मां के परिवार ने केरल में जनसंघ के गठन तक काम किया।
मैं एसएफआई में था, लेकिन मेरे शिफ्ट करने का कारण राजनीति नहीं था। यह भावनात्मक था। मैं अपना जीवन भावनात्मक रूप से जीऊंगा। जीवन के सभी वर्गों, जीवन के सभी क्षेत्रों, जीवन के सभी स्तरों के लिए स्वीकार्य है। मेरा वंश, मेरी परंपराएँ, सनातन धर्म की खुशबू है। मुझे इन सभी मूल्यवान गुणों का प्रदर्शन करना है। सिर्फ इसलिए कि इंदिरा गांधी कांग्रेसी हैं, और उनके क्रूर कृत्य के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराने से मैं बच नहीं सकता। मैं उन्हें स्वतंत्रता के बाद से उनकी मृत्यु तक भारत का वास्तविक वास्तुकार कहता हूं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को मदर ऑफ इंडिया कहने के एक दिन बाद केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने दिवंगत नेता को देश में कांग्रेस पार्टी की मां कहा था। उन्होंने बताया कि उनकी टिप्पणियों का गलत तरीके से पेश किया गया है।
सुरेश गोपी ने इंदिरा गांधी को कहा मदर ऑफ इंडिया
बता दें कि इससे पहले सुरेश गोपी ने पुन्कुन्नम में करुणाकरण के स्मारक 'मुरली मंदिरम' का दौरा किया। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री मे भारत की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी को 'मदर ऑफ इंडिया' कहा। वहीं भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री ने करुणाकरण और मार्क्सवादी दिग्गज ई. के. नयनार को अपना 'राजनीतिक गुरु' भी बताया। मोदी 3.0 कैबिनेट में सुरेश गोपी को पर्यटन मंत्रालय और पेट्रोलियम और गैस मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। त्रिशूर लोकसभा सीट से सांसद बने सुरेश गोपी ने करुणाकरण के बेटे और कांग्रेस नेता के. मुरलीधरन को हराया था। त्रिशूर लोकसभा सीट से जीत और केरल में भाजपा का खाता खोलने वाले सुरेश गोपी ने कांग्रेस और सीपीआई उम्मीदवारों को हराया था। केरल की त्रिशूर लोकसभा सीट के चुनाव परिणामों की बात करें तो त्रिशूर में भाजपा के प्रत्याशी सुरेश गोपी को 4 लाख 12 हजार 338 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे सीपीआई उम्मीदवार वी.एस सुनीलकुमार को 3 लाख 37 हजार 652 वोट मिले थे। इस तरह से सुरेश गोपी ने सीपीआई उम्मीदवार को 74 हजार 686 वोटों से हराया था।