डायबिटीज एक क्रोनिक डिजीज है, जो कभी ठीक नहीं होती है इसे केवल कंट्रोल रखा जा सकता है. यह बीमारी तब होती है जब बॉडी सही तरह ब्लड में मौजूद ग्लूकोज को एब्जॉर्ब करने के लिए इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है. यह बीमारी आमतौर पर खराब लाइफस्टाइल का परिणाम होती है. हालांकि इसके लिए जेनेटिक कारक भी जिम्मेदार होते हैं.
आईसीएमआर के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 101 लाख भारतीय डायबिटीज से पीड़ित हैं, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है. वैसे तो इस बीमारी को दवाओं, एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल की हेल्दी आदतों से कंट्रोल किया जा सकता है. लेकिन कुछ भारतीय मसाले भी इसके लिए प्रभावी ढंग से फायदेमंद साबित होते हैं.
अदरक
अदरक टाइप 2 डायबिटीज मरीजों के लिए बहुत मददगार होता है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में छपे शोध से पता चलता है कि अदरक में एंटी डायबिटिक गुण होते हैं. ऐसे में अदरक T2DM वाले रोगियों में हाइपरइन्सुलिनमिया को कंट्रोल करने में बहुत कारगर साबित होता है। इसके अलावा, अदरक ने T2DM वाले रोगियों में लीवर, किडनी और नर्वस सिस्टम से जुड़ी परेशानियों से भी बचाता है.
लहसुन
लहसुन ब्लड शुगर, टोटल कोलेस्ट्रॉल और लिपोप्रोटीन को मैनेज रखने में बहुत प्रभावी ढंग से मदद करता है. ऐसा लहसुन में पाया जाने वाले एलिसिन (एक बायोएक्टिव कंपाउंड) होता है जो अग्न्याशय बीटा सेल को प्रभावित करता है और इंसुलिन को रिलीज करने में मदद करता है।
दालचीनी
दालचीनी भी डायबिटीज में शुगर को कंट्रोल रखने में बहुत कारगर होता है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, 12 हफ्तों तक 1 ग्राम तक दालचीनी का सेवन करने वाले लोगों में फास्टिंग ब्लड शुगर लेवल में कमी और डायबिटीज टाइप 2 के मरीजों में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस में सुधार रिकॉर्ड किया गया है.
मेथी
मेथी के बीज से घुलनशील फाइबर होता है जो ब्लड शुगर को कम करता है और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है। इसके अलावा, मेथी डायबिटीज मरीजों के लिए एक अच्छा आहार है क्योंकि इसमें गैलेक्टोमेन्नन और ट्राइगोनेला जैसे रसायन होते हैं जो इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने करते हैं.
लौंग
लौंग मधुमेह रोगियों के लिए एंटीसेप्टिक, एंटी इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक और डाइजेशन हेल्थ से संबंधित लाभों से भरा हुआ मसाला है. ये ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल में भी मदद करता है और इंसुलिन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं.