कोरबा.
कोरबा शहर में संचालित होने शासकीय उचित मुल्य की दुकानों में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। सरकारी अनाज की अफरा-तफरी करने के मामले को खाद्य विभाग ने काफी गंभीरता से लिया है और रिकवरी का नोटिस जारी करने के बाद भी जुर्माना की राशि नही पटाने वाले संचालकों के खिलाफ अपराध दर्ज करने संबंधित थाना-चौकी में शिकायत दर्ज कराई है,जिसके आधार पर पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरु कर दी है।
कोरबा शहर के साकेत नगर, दादरखुर्द, भिलाई खुर्द और डिंगापुर में संचालित होने शासकीस उचित मुल्य की दुकान का संचालन करने वाले स्व सहायता समूह ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है। सरकारी अनाजों की हेर-फेर कर सरकार को लाखों का चूना लगाया है। मामला सामने आने के बाद खाद्य विभाग ने संबंधितों को नोटिस जारी कर रिकवरी के लिए नोटिस भेजा था,लेकिन किसी ने भी जुर्माना नहीं पटाया यही वजह है कि खाद्य विभाग ने संबंधित थाना चौकी में शिकायत कर अपराध दर्ज कराया है। बताया जा रहा है कि दादर सोसायटी से 24 लाख, सिविल लाइन थाना क्षेत्र में संचालित सोसायटी से 22 लाख और सीएसईबी चौकी क्षेत्र में संचालित सोसायटी से लाखों की वसूली करनी है। इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नेहा वर्मा ने बताया,कि शिकायत के आधार पर पुलिस द्वारा जरुरी कार्रवाई की जा रही है। प्रारंभिक तौर पर बात सामने आई है,कि सोसायटी संचालकों ने गरीबों के अनाज पर डाका डालकर उसे बेच दिया और अपने निजी स्वार्थों की सिद्धी की। अब जब पुलिस कार्रवाई का डंडा चलना शुरु हो गया है,तो उनके पसीने छूटने लगे है। जिले में ऐसे कई और भी सोसाइटी हैं जहां खाद विभाग को रिकवरी करना है कई बार नोटिस भी जारी किया गया कई दुकानों से रिकवरी लेकिन अभी भी कई दुकान ऐसे हैं जिन्होंने अब तक राशि नहीं पटाया है। विभाग में इस बार कड़ा रूप अपनाते हुए संबंधित थाना चौकी को लिखित में कार्रवाई करने आवेदन दिया है जिसमें मानिकपुर चौकी में शिकायत दर्ज कराई गई है कि दादर खुर्द स्थित मां कंकालिन स्व सहायता समूह के द्वारा लाखों रुपए रिकवरी किए जाने हैं। वहीं सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत शासकीय उचित मूल्य की दुकान से भी रिकवरी किया जाना है इसकी शिकायत लिखित थाने में दर्ज कराई गई है वही सीएसईबी चौकी क्षेत्र अंतर्गत साकेत नगर में भी शासकीय उचित मूल्य की दुकान में गड़बड़ी पाई गई है जहां पुलिस से शिकायत की गई है इसके अलावा कई और जगह है जिनकी शिकायत की जानी है इस शिकायत के शासकीय उचित मूल्य की दुकान के संचालकों में हड़कंप मच गया है। बहरहाल देखने वाली बात होगी,कि पुलिस की कार्रवाई कहां तक जाती है।