भोपाल
मध्य प्रदेश के मदरसों में हिंदू बच्चों को तालीम देने के मामले में प्रदेश सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए मुख्य सचिव वीरा राणा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुईं।
आयोग से सात दिन का समय मांगा
उन्होंने जवाब देने के लिए आयोग से सात दिन का समय देने का अनुरोध किया है। मुख्य सचिव को आयोग ने दिल्ली तलब किया था।
आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मुख्य सचिव से पूछा था कि मध्य प्रदेश के 1505 मदरसों में 9427 हिंदू बच्चे कैसे पहुंचे। उन्होंने मदरसों में हिंदू बच्चों को इस्लामी तालीम के पीछे मतांतरण की आशंका भी जताई है।
मदरसों, मिशनरी आश्रमों और एनजीओ के संबंध में जानकारी देने को कहा
बता दें कि मदरसों, मिशनरी आश्रमों और एनजीओ के संबंध में जानकारी देने के लिए आयोग ने पांच माह पहले जनवरी में भी मुख्य सचिव को तलब किया था, तब उन्होंने आयोग से उपस्थित होने के लिए एक माह का समय मांगा था और पांच माह बीतने के बाद भी वह आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुईं।
जहां मदरसों में हजारों की संख्या में हिन्दू बच्चों को तालीम दी जा रही है। इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मुख्य सचिव को दिल्ली तलब किया है। आयोग के द्वारा ऐसी आशंका जताई जा रही है कि मदरसों में हिन्दू बच्चों के बीच इस्लामिक पढ़ाई के साथ कट्टरता फैलाई जा रही है।
आपको बता दें कि मुरैना, भिंड और रीवा के मदरसों में हिन्दू बच्चों के पढ़ने के आकड़ें हैरान करने वाले है। मुरैना के मदरसों में सबसे ज्यादा
2068 बच्चे इस्लाम की तालीम ले रहे है। वहीं भिंड में 1812 और रीवा में 1426 बच्चों को इस्लामिक शिक्षा दी जा रही है।
बता दें कि आयोग की अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कई बड़े सवाल पूछे है। उन्होंने पूछा कि मध्य प्रदेश के 1505 मदरसों में हिंदू बच्चे कैसे पहुंचे ? अगर मंगलवार को भी शासन की ओर से कोई जबाव नहीं आता है तो नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
13 फरवरी 2023 को लोक शिक्षण संचालनालय और आयुक्त पिछड़ा वर्ग ने अल्प संख्यक आयुक्त कल्याण को पत्र लिखकर मामले की रिपोर्ट मांगी थी। बार बार जानकारी मांगने पर भी कोई जानकारी नहीं दी गई। आयोग 18 जनवरी 2024 को प्रदेश के मुख्य सचिव को तलब कर चुके हैं, लेकिन वें अब तक उपस्थित नहीं हुए। ऐसे में एक बार फिर मंगलवार को मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाया गया है।