शुक्र ग्रह का उदय आषाढ़ कृष्ण सप्तमी को बुध की राशि मिथुन में हो रहा है. इस राशि परिवर्तन से सभी शुभ और मांगलिक कार्य शादी- विवाह, जनेऊ, मुंडन, गृहप्रवेश, भूमि पूजन, द्विरागमन, भवन-वाहन, आभूषण की खरीदारी शुरू हो जाएगी. धन, वैभव, प्रेम, सौंदर्य और सुख- समृद्धि के दाता शुक्र ग्रह 29 अप्रैल को पूर्व दिशा में अस्त हो गए थे. वह 28 जून की शाम 5 बजे पश्चिम दिशा में उदय होंगे. शुभ मुहूर्त शुरू होते ही बाजारों में रौनक दिखनी शुरू हो जाएगी.
9 जुलाई से मुहूर्त शुरू
ज्योतिषाचार्य के अनुसार गुरु 2 जून को उदय हो चुके हैं. अब शुक्र 28 जून को उदय हो रहे हैं. हालांकि वे इस समय बाल स्वरूप में होंगे. युवा स्वरूप में वह 3 जुलाई में आ जाएंगे. इस दिन रोहणी नक्षत्र लग जाएगा. इसके बाद 9 जुलाई से मुहूर्त शुरू हो जाएंगे. विवाह में शुभ मुहूर्त का होना बहुत महत्वपूर्ण होता है. शादी के शुभ योग के लिए नौ ग्रहों में गुरु, शुक्र का उदित होना जरूरी माना जाता है.
विवाह का आखिरी मुहूर्त भड़ली नवमी
17 जुलाई से चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा. चातुर्मास में विवाह मुहूर्त नहीं होते हैं. पंडित पंकज पाठक ने बताया कि भड़ली नवमी पर सिद्ध योग सुबह 07:00 बजे तक है. इसके बाद साध्य योग का निर्माण हो रहा है. साध्य योग व रवि योग का संयोग बन रहा है जो पूरे दिन रहेगा. विवाह का आखिरी मुहूर्त भड़ली नवमी 15 जुलाई को है. इससे पहले विवाह के मुहूर्त 9 से 15 जुलाई तक रहेंगे. कुल आठ दिन मुहूर्त रहेंगे. इसके बाद मुहूर्त सीधे नवंबर में देव उठनी एकादशी से प्रारंभ होंगे.