रामपुर
शाहबाद तहसील के करीमगंज गांव में स्थित राणा शुगर मिल के कर्मचारियों से मारपीट, लूटपाट आदि के मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) ने भाजपा के पूर्व विधायक काशीराम दिवाकर समेत छह लोगों को दोष सिद्ध किया है। इन्हें गुरुवार को सजा सुनाई जा सकती है। न्यायालय ने सभी को 12 साल पुरानी घटना में दोष सिद्ध किया है। इनमें 21 लोग बरी हुए हैं। दोष सिद्ध लोगों में पूर्व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संजू यादव भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सुरेश गुप्ता, किशन पाल, भारत सिंह और मेघराज को दोष सिद्ध किया है।
किसानों का मिल कर्मचारियों से हुआ था विवाद
अभियोजन के अनुसार, घटना की शुरुआत 15 जनवरी 2012 की रात की है। किसानों का मिल कर्मचारियों से ट्रैक्टर-ट्राली पहले निकालने को लेकर विवाद हो गया था। अगले दिन बड़ी संख्या में किसान मिल के गेट पर इकट्ठा हो गए थे। तब किसानों के समर्थन में पूर्व विधायक काशीराम दिवाकर भी अपने समर्थकों के साथ आ गए। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नेता रहीं संजू यादव भी किसानों के आंदोलन में शामिल हो गई थीं।
संजू यादव के कहने पर कुछ लोगों ने मिल कर्मियों पर फायरिंग भी की थी। मिल में तोड़फोड़ की। मिल कर्मचारी इस घटना में घायल हो गए थे। मिलकर्मी ओमवीर सिंह की ओर से घटना की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। विवेचना के बाद पुलिस ने 39 लोगों को नामजद करते हुए आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था।
इनमें 27 लोगों की पत्रावली पर सुनवाई के बाद बुधवार को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) के न्यायाधीश डा. विजय कुमार ने 21 लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया, जबकि भाजपा के पूर्व विधायक काशीराम दिवाकर और संजू यादव समेत छह को दोष सिद्ध किया है।