मेरठ
मेरठ लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा नुकसान होने के बाद भाजपा मंथन में जुटी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हर जिले में बैठक के दौरान गुटबाजी सामने आ रही है। ऐसा भाजपा में पहली बार देखने को मिल रहा है। शायद यही वजह है कि पार्टी को लोकसभा चुनाव में इतना नुकसान हुआ है।
पार्टी में इस तरह की गुटबाजी पर हाईकमान बेहद नाराज है। ऐसे में हर लोकसभा वार समीक्षा कर मंडल स्तर तक के कार्यकर्ताओं से अलग-अलग बात की जा रही है। इसमें पार्टी में भितरघात के साथ-साथ खराब रवैये वाले अधिकारियों के बारे में भी फीडबैक जुटाकर हाईकमान के सामने रखा जाएगा। पार्टी संगठन में बड़ा फेरबदल करने के मूड में है। इसके साथ ही जनता से दूरी बनाने वाले अफसरों पर भी गाज गिरनी तय मानी जा रही है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीटों में से भाजपा और रालोद ने सात सीटों पर जीत हासिल की है। इस बार भाजपा दो जीती हुईं सीटों पर चुनाव हार गई। कैराना से प्रदीप चौधरी को हार का सामना करना पड़ा। मुजफ्फरनगर से पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान चुनाव हार गए।
मेरठ में रामायण धारावाहिक में श्रीराम का किरदार निभाने वाले वाले अरुण गोविल को प्रत्याशी बनाए जाने के बावजूद भाजपा को इसका जो माइलेज मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल पाया। जीत का अंतर बेहद कम रहा। मुजफ्फरनगर में संजीव बालियान और सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम के बीच बयानबाजी सारे नेताओं के संज्ञान में है।
बागपत लोकसभा की बात करें तो मंगलवार को समीक्षा बैठक में फरीदपुर के विधायक श्याम बिहारी, लोकसभा संयोजक जितेंद्र सतवई और लोकसभा प्रभारी के सामने ही गुटबाजी सामने आ गई।
पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष सुदेश चौहान ने कह दिया कि सपा के प्रत्याशी को तीन लाख से ज्यादा वोट कैसे मिल गए, इस पर मंथन करें। भाजपा के एक बड़े नेता ने जिस तरह से भितरघात किया, उसकी रिपोर्ट भी दी गई। मेरठ में गोरखपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय और सहारनपुर से विधायक राजीव गुंबर ने समीक्षा की।
समीक्षा में सभी 16 मंडल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महामंत्री से पहले नेताओं ने अलग बात की। पदाधिकारियों ने कहा कि चुनाव में उनको कोई तवज्जो नहीं दी गई। उनके फोन तक रिसीव नहीं किए गए। बड़े पदाधिकारियों ने अवहेलना की। इसके बाद जनप्रतिनिधियों के साथ बातचीत की गई। चुनाव में जीत के कम अंतर पर आपसी सामंजस्य नहीं होने के आरोप लगे।
कई जनप्रतिनिधियों ने कई अधिकारियों के नाम लेकर कहा कि इस तरह के खराब रवैये वाले अधिकारी होंगे तो जनता कैसे नाराज नहीं होगी। मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान की हार की समीक्षा केे लिए गोरखपुर क्षेत्र के पूर्व अध्यक्ष एमएलसी धर्मेंद्र सिंह ने बैठक की। इसमें भाजपा की गुटबाजी सामने आई। इसमें आधे पदाधिकारी पहुंचे ही नहीं।
जनप्रतिनिधियों से दूरी रखने वाले अधिकारियों की भी बन रही रिपोर्ट
चुनाव में हार और कम जीत के अंतर के पीछे सारे कारणों की रिपोर्ट तैयार हो रही है। प्रत्याशी चयन को लेकर भी कई जगह कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए। गाजियाबाद में प्रत्याशी को लेकर कार्यकर्ताओं में सबसे ज्यादा मतभेद दिख रहे हैं।
कैराना में भी ऐसा ही है। चुनाव में अपने नेताओं की गुटबाजी के अलावा सबसे ज्यादा शिकायत जनप्रतिनिधियों के खराब रवैये वाले अधिकारियों के बारे में की है। बताया गया है कि वे बात नहीं सुनते हैं तो लोगों के काम कैसे कराएं। जब काम ही नहीं होंगे तो लोगों में नाराजगी बढ़ेगी ही। कई विभागों में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है, ऐसे में जनता में नाराजगी है।
संघ की रिपोर्ट रहेगी अहम
सभी लोकसभा सीट पर संघ के पदाधिकारियों की रिपोर्ट भी बेहद अहम मानी जा रही है। कार्यकर्ताओं के साथ संघ की रिपोर्ट भी हाईकमान को जल्द सौंपी जाएगी। जिसके बाद पार्टी बड़ा फेरबदल कर सकती है।