नई दिल्ली
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द किए जाने के एक दिन बाद गुरुवार को शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि परीक्षा के बारे में कोई शिकायत नहीं मिली थी बल्कि उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए छात्रों के हितों को देखते हुए इसे रद्द किया गया। शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल ने कहा कि जानकारी का ब्योरा साझा नहीं किया जा सकता क्योंकि मामला केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया है और जांच जारी है।
शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल ने एक ब्रीफिंग में कहा, "एनटीए द्वारा 18 जून को आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा में 9 लाख छात्रों ने भाग लिया था। मंत्रालय ने देखा कि परीक्षा में गड़बड़ी की संभावना है। मंत्रालय ने परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है। मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि वे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा, ''कोई शिकायत नहीं मिली लेकिन एजेंसियों से हमें जो सूचनाएं मिलीं उनसे संकेत मिला कि परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया है। स्वत: संज्ञान लेते हुए छात्रों के हितों को देखते हुए यह कदम उठाया गया।'' जायसवाल ने संवाददाताओं से कहा, ''परीक्षा की नई तारीख जल्द घोषित की जाएगी।'' शिक्षा मंत्रालय ने एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी) द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने का बुधवार को आदेश दिया और मामले को गहन जांच के लिए सीबीआई को सौंपा गया है। मंत्रालय का यह फैसला मेडिकल प्रवेश परीक्षा 'नीट' (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) में कथित अनियमितताओं को लेकर उपजे विवाद के बीच आया है और यह मुद्दा अब उच्चतम न्यायालय में है।
बता दें कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा 'नीट' को लेकर उपजे विवाद के बीच, शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने का बुधवार को आदेश दिया था और मामले को गहन जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा गया। मंत्रालय ने पटना में राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट)-स्नातक 2024 के आयोजन में कथित अनियमितताओं के संबंध में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से रिपोर्ट मांगी है और कहा कि रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा मंत्रालय ने कहा, ''यूजीसी को गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से परीक्षा के संबंध में कुछ सूचनाएं प्राप्त हुई थीं। इन सूचनाओं से प्रथम दृष्टया संकेत मिला है कि उक्त परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया।''