नई दिल्ली
खाड़ी देशों ने अपने ऑयल रिजर्व के दम पर खासी प्रगति की है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी ये देश काफी आगे निकल चुके हैं। दुनिया में सालाना सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले राष्ट्राध्यक्षों की लिस्ट में टॉप तीन पर इन्हीं देशों के हेड ऑफ स्टेट हैं। दिलचस्प बात है कि दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देश अमेरिका के राष्ट्रपति की सैलरी इन देशों के मुकाबले बहुत कम है। वहीं चीन के राष्ट्रपति की सैलरी भारत के प्रधानमंत्री के मुकाबले काफी कम है। आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और अर्जेंटीना तथा वेनेजुएला के राष्ट्रपतियों की सैलरी भी चीन के राष्ट्रपति से ज्यादा है। जानिए दुनिया के किस देश के हेड ऑफ स्टेट को मिलती है सबसे ज्यादा सैलरी?
World Population Review के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा सैलरी सऊदी अरब के किंग को मिलती है। उनकी सैलरी 9.6 अरब डॉलर है। यूएई के हेड ऑफ स्टेट दूसरे नंबर पर है। उनकी सालाना सैलरी 4.61 अरब डॉलर है। इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर कुवैत है जहां के राष्ट्राध्यक्ष को सालाना 16.5 करोड़ डॉलर मिलते हैं। मोनाको के हेड ऑफ स्टेट की सालाना सैलरी 5.2 करोड़ डॉलर है। इसके बाद नॉर्वे (3.3 करोड़ डॉलर), स्वीडन (1.6 करोड़ डॉलर), डेनमार्क (1.1 करोड़ डॉलर), नीदरलैंड (60 लाख डॉलर) और जापान (30 लाख डॉलर) का नंबर है। यूरोपीय देश स्विट्जरलैंड में हेड ऑफ स्टेट को 507 हजार डॉलर और आयरलैंड के राष्ट्राध्यक्ष को 401 हजार डॉलर मिलते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति को दुनिया में सबसे शक्तिशाली माना जाता है लेकिन उसकी सालाना सैलरी 400 हजार डॉलर है।
मोदी की सैलरी
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया (378 हजार डॉलर), स्पेन (304 हजार डॉलर), कनाडा (290 हजार डॉलर), इटली (275 हजार डॉलर), जर्मनी (268 हजार डॉलर), साउथ कोरिया (211 हजार डॉलर), तुर्की (197 हजार डॉलर), फ्रांस (194 हजार डॉलर), चेक (149 हजार डॉलर), फिनलैंड (141 हजार डॉलर) और ब्राजील (102 हजार डॉलर) है। World Population Review के मुताबिक भारत के प्रधानमंत्री को सालाना 84 हजार डॉलर यानी करीब 70,07,931 रुपये मिलते हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की सालाना सैलरी 65 हजार डॉलर है जबकि चीन के राष्ट्रपति को साल में 22 हजार डॉलर की सैलरी मिलती है। इसी तरह बांग्लादेश के प्रधानमंत्री की सालाना सैलरी 17 हजार डॉलर और श्रीलंका के राष्ट्रपति की सैलरी सात हजार डॉलर है।