राजनीती

मुंबई उत्तर पश्चिम से उम्मीदवार ने लोकसभा अधिकारियों से की वायकर को शपथ न दिलाने की अपील

मुंबई
मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से एक उम्मीदवार ने लोकसभा महासचिव से अपील की है कि वह शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे यूबीटी) के प्रतिद्वंद्वी से 48 वोट से चुनाव जीतने वाले शिवसेना के रविन्द्र वायकर को सांसद के तौर पर शपथ न दिलाएं।

हिंदू समाज पार्टी के भरत शाह ने लोकसभा महासचिव को  एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि चार जून को मतगणना के दौरान गंभीर गड़बड़ियां की गईं।

पत्र में दावा किया गया, ‘‘मुंबई उत्तर पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र में मतदान और मतगणना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 के अनुरूप स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं थी और न ही आदर्श आचार संहिता के अनुरूप थी।’’

शाह ने पत्र में कहा, ‘‘यह उचित होगा कि रविन्द्र वायकर को संसद सदस्य के रूप में अनुच्छेद 99 के तहत शपथ लेने की अनुमति न दी जाए, जिससे भारत में मतदाताओं का विश्वास बना रहे…।’’

निर्वाचन क्षेत्र में कुल 9,54,939 वोट डाले गए जिनमें से शाह को केवल 937 वोट ही मिले।

वायकर ने शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को 48 वोट के मामूली अंतर से हराया है।

इस पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने मतगणना के दौरान गड़बड़ी का आरोप लगाया और निर्वाचन अधिकारी पर निशाना साधा।

वहीं, महाराष्ट्र की रत्नागिरि-सिंधुदुर्ग सीट पर लोकसभा चुनाव हारने वाले शिवसेना (यूबीटी) के नेता विनायक राउत ने भाजपा प्रत्याशी नारायण राणे पर ‘भ्रष्ट एवं अवैध तरीके’ से चुनाव जीतने का आरोप लगाया और निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर निर्वाचन क्षेत्र में फिर से चुनाव कराने की मांग की।

शिवसेना (यूबीटी) का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील असीम सरोदे ने दोनों पत्र लोकसभा महासचिव और भारत निर्वाचन आयोग को भेजे हैं।

अनुच्छेद-99 का किया उल्लेख
एडवोकेट असीम सरोदे ने कहा है कि नोटिस में कहा है कि चूंकि ईवीएम मशीन से वोटों की गिनती को लेकर भारत में पहली बार एफआईआर दर्ज की गई है, इसलिए अनुच्छेद 99 के तहत रवींद्र वायकर को शपथ दिलाना उन्हें संवैधानिक प्रक्रिया का अपमान करने की इजाजत देगा। नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया है कि भले ही पहले किसी ने ऐसी मांग नहीं की हो, हमें शपथ लेने के पीछे संविधान के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए एक सकारात्मक कार्रवाई के रूप में रवींद्र वायकर को पद की शपथ नहीं दिलानी चाहिए। नोटिस में रवींद्र वायकर की जीत को शंकास्पद करार दिया गया है। रवींद्र वायकर चुनावों की घोषणा होने तक उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना यूबीटी में थे। वायकर मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा में आने वाली जोगेश्वरी ईस्ट से विधायक भी हैं।

क्या है पूरा मामला?
शिवसेना यूबीटी दावा करती आई है कि काउंटिंग में उसके कैंडिडेट अमोल कीर्तिकर एक वोट से आगे थे। रीकाउंटिंग में रवींद्र वायकर विजयी घोषित किए गए। वायकर की जीत के बाद एक विवाद सामने आया था कि उनके एक रिश्तेदार ने चुनाव आयोग के ऑपरेटर को मोबाइल मतगणना स्थल पर इस्तेमाल किया था। इसके बाद पुलिस में एक एफआईआर दर्ज की गई थी। शिवसेना यूबीटी की तरफ से काउंटिंग सेंटर की सीसीटीवी मांगी जा रही है, चुनाव आयोग का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज सिर्फ कोर्ट के आदेश पर ही दी जा सकती है। शिवसेना मुंबई नॉर्थ वेस्ट से वायकर की जीत को हाईकोर्ट में चुनौती देना चाहती है। पार्टी नेताओं का कहना है कि अगले कुछ दिनों में हाईकोर्ट में उनके निर्वाचन को चुनौती दी जाएगी।

 

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