उज्जैन
महाकुंभ सिंहस्थ-2028 में आने वाले 14 करोड़ मेहमानों की पेयजल एवं सीवरेज व्यवस्था के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की नर्मदा परियोजना का अमला भोपाल से उज्जैन स्थानांतरित होने वाला है। महकमे की मंत्री संपतिया उइके ने इसके जारी कर दिए हैं। कहा गया है कि अमला, सिंहस्थ क्षेत्र में पेयजल एवं अपशिष्ट प्रबंधन के लिए योजना बनवाएगा। योजना को धरातल पर उतार उसका संचालन और रखरखाव करेगा।
मालूम हो कि स्थानीय अधिकारियों ने सिंहस्थ- 2028 के लिए 18 हजार करोड़ रुपये की योजना बना रखी है, जिसमें 1148 करोड़ रुपये की योजना पेयजल एवं सीवरेज इंतजाम पर खर्च किए जाने का लेख है। इस राशि में 948 करोड़ रुपये मेला क्षेत्र में जल प्रदाय एवं सीवरेज पाइपलाइन बिछाने, उच्च स्तरीय पानी की टंकियां, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने, पंपिंग मैन स्टेशन स्थापित करना प्रस्तावित है।
वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर प्रस्तावित कार्य योजना को अमलीजामा पहनाने को फिलहाल विस्तृत कार्य योजना यानी डीपीआर बनवाई जा रही है। स्पष्ट यह भी किया है कि लगभग 200 करोड़ रुपये से शहर की पेयजल व्यवस्था का सुद्ढ़ीकरण भी किया जाएगा। 2016 के सिंहस्थ में सात करोड़ लोग उज्जैन आए थे। तब मेला 3062 हेक्टेयर जमीन पर लगा था। इस बार 14 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है। उज्जैन मास्टर प्लान- 2035 के प्रारूप में वर्ष 2016 में अधिसूचित सिंहस्थ क्षेत्र (3062 हेक्टेयर जमीन) 42 प्रतिशत बढ़ाने की संभावना व्यक्त की गई है। इसके अनुरूप सरकार सिंहस्थ क्षेत्र बढ़ाने पर विचार भी कर रही है।
पानी पिलाने को 200 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने, क्वालिटी कंट्रोल और सुपरविजन के लिए के लिए अनुभवी सेवानिवृत्त इंजीनियरों की नियुक्ति करना, निगरानी के लिए कम्प्यूटर एवं सेंसर आधारित स्काडा प्रणाली लागू करने की योजना भी प्रस्तावित है।
इस बदलाव पर भी हो चुका है आदेश
इसके पहले सरकार इसी साल मार्च माह में धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग संचालनालय को भोपाल से उज्जैन स्थानांतरित करने के प्रस्ताव पर स्वीकृति की मुहर लगा चुकी है। मामले में विभागीय आदेश भी हो चुके हैं पर अब तक कार्यालय स्थानांतरित नहीं हुआ है। कहा गया है कि विभागीय मुख्य कार्यालय, कोठी रोड स्थित सिंहस्थ मेला कार्यालय भवन से संचालित होगा। इसके लिए कुछ कक्षों को खाली करवा लिया गया है।