देश

चुनाव के दौरान बीजेपी ने दिया था गरीबी कम करने पर जोर, जहाँ गरीब आबादी घटी वहाँ हुआ बीजेपी को सीटों का नुकसान

नई दिल्ली
 लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान बीजेपी ने लगातार गरीबी कम करने के मुद्दे पर जोर दिया। ये बीजेपी के प्रमुख मुद्दों में से एक था। लेकिन इस मुद्दे से बीजेपी को फायदा होता नहीं दिखा। बीजेपी सरकार के दौरान जिन इलाकों में गरीबी में गिरावट आई, वहां पार्टी को बड़ा झटका लगा। 2015-2016 से गरीबी में कमी देखी गई 517 लोकसभा सीटों में से बीजेपी ने 232 सीटें जीतीं, जो 2019 में 295 सीटें जीतने के बाद से 63 सीटों की गिरावट है। दूसरी ओर कांग्रेस 2019 में यहां 42 सीटों से बढ़कर 2024 में 92 तक पहुंच गई। एनडीए ने कुल 282 सीटें जीतीं और विपक्षी इंडिया ब्लॉक 226 सीटें जीतने में सफल रहा।

पीएम मोदी अक्सर उठाते हैं गरीबी कम करने का मुद्दा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चुनावी भाषणों में अक्सर गरीबी कम करने का दावा करते थे। उन्होंने पिछले दशक में सरकार द्वारा करीब 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की बात अपने कई भाषणों में की। इसके लिए उन्होंने नीति आयोग का हवाला दिया। नीति आयोग हर पांच साल में इकट्ठा किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के डेटा का इस्तेमाल करके गरीबी, स्वास्थाय, शिक्षा और जीवन स्तर में कमी को मापती है।

लोकसभा चुनाव और गरीबी को लेकर क्या कहती है रिपोर्ट?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एसवी सुब्रमणियन की टीम ने लोकसभा क्षेत्रों के लिए एक डेटाबेस बनाया। इस डेटाबेस में 2015-16 से 2019-21 के बीच गरीबी के आंकड़े शामिल किए गए। इस रिपोर्ट के अनुसार 517 लोकसभा सीटों में गरीबी कम हुई, जबकि बाकी 26 सीटों में गरीबी बढ़ी। जिन सीटों पर गरीबी कम हुई, उनमें से 314 सीटों पर पिछले चुनाव की तरह ही बीजेपी गठबंधन जीता। वहीं, 203 सीटों पर विपक्ष के उम्मीदवार चुनाव जीते। केंद्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी ने चुनाव अभियान के दौरान गरीबी कम करने पर काफी जोर दिया था। लेकिन, जिन 517 सीटों पर गरीबी कम हुई, वहां भाजपा को सिर्फ 232 सीटें मिलीं। ये 2019 के चुनाव से 63 सीटें कम हैं। वहीं, कांग्रेस को 2019 में 42 सीटों के मुकाबले 2024 में 92 सीटें मिलीं। यानी गरीबी कम होने के बावजूद कई सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा, जबकि यहां कांग्रेस को ज़्यादा फायदा हुआ।

गरीबी बढ़ने के बाद भी इन सीटों पर जीती बीजेपी

डेटाबेस के मुताबिक, जिन सीटों पर 2015 से 2021 के बीच गरीबी बढ़ी, उन 26 सीटों में से सिर्फ 6 सीटों पर इस बार विपक्षी पार्टियां जीतीं। बाकी सीटों पर पिछली बार जीती पार्टी ही फिर से चुनाव जीती। हालांकि, सिर्फ 7 सीटों पर ही गरीबी 1% से ज़्यादा बढ़ी। इनमें मेघालय की शिलांग सीट पर सबसे ज़्यादा (6.01%) गरीबी बढ़ी। जिन 26 सीटों पर गरीबी बढ़ी, उनमें से 9 पर बीजेपी जीती, जो पिछले चुनाव से दो ज्यादा है। कांग्रेस 7 सीटों पर जीती और तृणमूल कांग्रेस 3 सीटों पर। कुल मिलाकर, एनडीए को इन 26 सीटों में से 11 और इंडिया गठबंधन को 14 सीटें मिलीं। भाजपा ने कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस से एक-एक सीट छीन ली। कांग्रेस को 3 सीटें कम मिलीं। केरल में एक सीट बीजेपी को मिली, एक सीट सीपीआई(एम) को और मेघालय में एक सीट वॉयस ऑफ द पीपल पार्टी को मिली।

बहुत गरीबी वाली सीटों का क्या हाल?

देशभर में सिर्फ 6 सीटें ऐसी हैं, जहां आधे से ज्यादा आबादी गरीबी में रहती है। इनमें से 3 सीटें बिहार में, 2 सीटें उत्तर प्रदेश में और 1 सीट झारखंड में हैं। इनमें से 5 सीटों पर 2019 वाले ही दल जीते। सिर्फ यूपी की श्रावस्ती सीट बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से समाजवादी पार्टी (सपा) के पास गई। इन सीटों पर एनडीए और इंडिया गठबंधन को बराबर 3-3 सीटें मिलीं।

कम गरीबी वाली लोकसभा सीटों के नतीजे

इसके अलावा 152 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां सिर्फ 5% से कम आबादी गरीबी में रहती है। इनमें से सिर्फ 46 सीटों पर पिछले चुनाव की तरह ही पार्टी जीती है, बाकी 106 सीटों पर पार्टी बदल गई। बीजेपी ने इनमें से 45 सीटें जीतीं, जबकि उनकी सहयोगी पार्टियों (एनडीए) ने 15 और सीटें जीतीं। कांग्रेस को इन सीटों में से 43 सीटें मिलीं, जबकि अन्य इंडिया गठबंधन दलों को 39 सीटें मिलीं। इस तरह, कम गरीबी वाली सीटों पर विपक्षी दलों (इंडिया गठबंधन) को सत्ताधारी पार्टी (एनडीए) से ज़्यादा सीटें मिलीं।

जनसम्पर्क विभाग – आरएसएस फीड

PRATYUSHAASHAKINAYIKIRAN.COM
Editor : Maya Puranik
Permanent Address : Yadu kirana store ke pass Parshuram nagar professor colony raipur cg
Email : puranikrajesh2008@gmail.com
Mobile : -91-9893051148
Website : pratyushaashakinayikiran.com