प्रयागराज
ट्रेनों में उमड़ती भीड़ को देखते हुए रेलवे अब मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में साधारण कोचों की संख्या बढ़ाएगा। जिन ट्रेनों में साधारण कोच अभी सिर्फ दो ही लगे हैं उनमें इनकी संख्या दोगुनी की जाएगी। यानी प्रत्येक मेल-एक्सप्रेस ट्रेन में चार साधारण कोच लगेंगे। इससे उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) की 42 जोड़ी ट्रेनों को भी इसका फायदा होगा और इनमें चार-चार साधारण कोच हो सकेंगे। एनसीआर से इस समय 730 से अधिक मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती हैं। इन ट्रेनों में भी जिनमें सिर्फ दो साधारण कोच हैं, उनमें चार साधारण कोच लगेंगे।
हर दिन तीन लाख से अधिक यात्री कर सकेंगे यात्रा
रेलवे बोर्ड ने भी इसके लिए पत्र जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि सामान्य श्रेणी के कोच की संख्या बढ़ाने के लिए सामान्य कोच का अतिरिक्त उत्पादन होगा। इससे हर दिन लगभग तीन लाख से अधिक यात्री यात्रा कर सकेंगे। सामान्यतः मेल-एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनों में जनरल कोच दो से चार के बीच में होते हैं। जबकि इन कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या हजारों में होती है।साधारण कोच में गेट तक यात्री भरे होते हैं। जब स्टेशन पर ट्रेन रुकती है तो उसमें यात्री घुस नहीं पाते। नतीजन आरक्षित कोचों में वह प्रवेश करते हैं।साधारण कोच बढ़ने से इस समस्या में कमी आएगी।
क्या रखा गया है लक्ष्य
वित्तीय वर्ष में 2014-15 में 555 एलएचबी कोच का और अब 2023-24 में 7151 कोच का लक्ष्य है। 2024-25 में 8692 कोच का उत्पादन होगा। इसमें 50 अमृत भारत ट्रेन (पुल-पुश तकनीक) के, 1600 वंदे भारत कोच बनेंगे। इससे मेल ट्रेन में 1250 और एक्सप्रेस ट्रेन में 2500 कोच लग जाएंगे। इससे न्यूनतम 18.25 करोड़ अधिक यात्री सालाना यात्रा कर सकेंगे। यह सभी कोच चालू वित्तीय वर्ष में बनकर तैयार हो जाएंगे और इनके लगने का क्रम शुरू हो जाएगा।
एनसीआर सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय के अनुसार, रेल प्रशासन अपने यात्रियों की सुविधाओं में लगातार वृद्धि कर रहा है। इसी क्रम में मेल और एक्सप्रेस ट्रेन में सामान्य श्रेणी कोच (जनरल कोच) की संख्या बढ़ेगी। 2500 सामान्य कोच का अतिरिक्त उत्पादन होगा। इससे हर साल 18 करोड़ से अधिक अतिरिक्त यात्री सामान्य कोचों में यात्रा कर सकेंगे। ये कोच रेलवे के प्रति वर्ष कोच उत्पादन के अतिरिक्त होंगे। एनसीआर की ट्रेनों व यात्रियों को इसका लाभ मिलेगा।