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पुंछ-राजौरी सेक्टर में करीब 40 विदेशी आतंकी मौजूद, सुरक्षा-व्यवस्था हुई कड़ी

नई दिल्ली
केंद्र में एनडीए सरकार बनने के दिन से 72 घंटे के भीतर जम्मू-कश्मीर में लगातार तीन आतंकी हमले होने के बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। पिछले एक पखवाड़े में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ों में 04 आतंकी मार गिराये गए हैं। बढ़ते आतंकवादी हमलों के बीच एक खुफिया रिपोर्ट ने चौंका दिया है कि पुंछ-राजौरी सेक्टर में करीब 40 विदेशी आतंकवादी मौजूद हैं, जिसके बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि पाकिस्तानी आतंकी एक बार फिर से सीमा लांघने की फिराक में हैं। अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले सुरक्षा बलों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।

राष्ट्रपति भवन में जब 9 जून को भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर इतिहास रच रहे थे, उसी समय जम्मू-कश्मीर के रियासी में आतंकियों ने तीर्थयात्रियों को लेकर वैष्णो देवी जा रही एक बस पर घात लगाकर हमला किया था। ड्राइवर को गोली लगने के कारण बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी थी। इस आतंकी हमले में 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और 30 से अधिक घायल हुए थे। इसी कड़ी में आतंकवादियों ने 11 और 12 जून को चत्तरगल्ला और कोटा टॉप इलाके में सेना और पुलिस की संयुक्त जांच चौकी पर हमला किया था, जिसमें छह सैन्यकर्मी और दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में आतंकी हमले में इजाफा हुआ है। आतंकी सीमा पार से घुसपैठ कर यहां दहशत का माहौल बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन सेना के चौकस जवान और सुरक्षा बल आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेर दे रहे हैं। इस बीच 19 जून को बारामूला में सुरक्षाबलों को आतंकवादियों के मौजूद होने की सूचना मिली। इसके बाद सुरक्षाबलों ने बारामूला जिले के वाटरगाम इलाके में घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। इससे घबराकर आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की। सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकी मार गिराए गए।

इसी कड़ी में 22 जून को एक बार फिर आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के उरी सेक्टर में एलओसी पार करने का प्रयास किया लेकिन जवानों ने इसे नाकाम कर दिया। सुरक्षाबलों की फायरिंग में दो आतंकी ढेर हो गये। आतंकवादियों ने पिछले चार दिनों में रियासी, कठुआ और डोडा जिलों में चार स्थानों पर हमले किए, जिसमें नौ तीर्थयात्रियों और एक सीआरपीएफ जवान की मौत हो गई और सात सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। केंद्र शासित प्रदेश में हाल के आतंकी हमलों में शामिल उग्रवादियों का पता लगाने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों के वन क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने अभी भी बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चला रखा है।

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह जम्मू सेक्टर के पीर पंजाल पर्वतमाला के दक्षिण में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के प्रयास कर रहे हैं। इस बीच सामने आ रहा है कि इस क्षेत्र में करीब 35-40 विदेशी आतंकवादी सक्रिय हैं और वे छोटी-छोटी टीमों में काम कर रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक में दो-तीन आतंकवादी हैं। आतंकवादियों की संख्या का आकलन खुफिया एजेंसियों और जमीन पर काम कर रहे बलों से मिले इनपुट पर किया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी रश्मि रंजन स्वैन ने भी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार लॉन्च पैड पर लगभग 60 से 70 आतंकवादियों के 'सक्रिय' होने की पुष्टि की है।

सूत्रों ने बताया कि लगभग तीन वर्षों से जम्मू क्षेत्र के राजौरी, पुंछ और कठुआ सेक्टरों में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है। हालिया सुरक्षा समीक्षा बैठकों में घुसपैठ के प्रयासों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे इलाकों में दूसरे स्तर के आतंकवाद-रोधी ग्रिड को और मजबूत करने की आवश्यकता जताई गई है। सूत्रों का कहना है कि पीर पंजाल पर्वतमाला के दक्षिण में भीतरी इलाकों में घुसपैठ-रोधी ग्रिड को जम्मू और कश्मीर के कश्मीर क्षेत्र में नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लगे इलाकों में बहुस्तरीय घुसपैठ-रोधी और आतंकवाद-रोधी ग्रिड के समान स्तर पर लाया जा सकता है।

सूत्रों ने बताया कि खुफिया एजेंसियां क्षेत्र में मानव खुफिया और तकनीकी खुफिया जानकारी जुटाने की क्षमता को उन्नत करने की दिशा में भी काम कर रही हैं। भारतीय सेना ने भी पिछले कुछ महीनों में अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया है, जो बड़ी संख्या में बख्तरबंद विशेषज्ञ वाहनों के साथ क्षेत्र में काम कर रहे हैं। सुरक्षा बलों के पास लगभग 200 बख्तरबंद वाहन हैं, जिन्हें आपातकालीन खरीद प्रक्रियाओं के तहत हासिल किया गया था। 29 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के दौरान कोई आतंकी वारदात न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए भी प्रदेश शासन और सुरक्षा बल चौकस हैं। सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा बलों को क्षेत्र में आतंकवादी समर्थन ढांचे के खिलाफ काम करने की पूरी छूट दी गई है, इसलिए आने वाले दिनों में ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और तेज होने की संभावना है।

 

 

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