रीवा
उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने आज भोपाल के होटल अशोक लेक व्यू से प्रदेशव्यापी दस्तक सह स्टॉप डायरिया अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य के विभिन्न पैरामीटर आईएमआर, एमएमआर, सीएमआर आदि में मध्यप्रदेश को शीर्ष स्तर में ले जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अमले को पूरे मनोयोग से कार्य करना होगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि नौनिहालों की स्वास्थ्य सुरक्षा के इस अभियान को जन आंदोलन बनाना होगा और समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित करनी होगी।
हर नागरिक, हर क्षेत्र तक गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की पहुँच और उपलब्धता के लिए सतत प्रयास जारी – उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि मध्यप्रदेश में योग्यता की कमी नहीं है। विभाग को निरंतर सशक्त किया जा रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहे अन्य राज्यों की प्रणाली का अध्ययन कर आवश्यक अंतःक्षेप किए जा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में संसाधनों की कमी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग में आगामी 6 महीने में 30 हज़ार पदों पर भर्तियाँ की जाएगी। मध्यप्रदेश के हर नागरिक, हर क्षेत्र तक गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की पहुँच और उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हम सतत प्रयासरत हैं। उप मुख्यमंत्री ने अपील की है कि मेडिकल प्रोफेशनल ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाऐं देनें के बारे में सोचे। आवश्यक सुविधाओं के लिए विभागीय स्तर पर सतत मंथन किया जा रहा है और सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने दस्तक अभियान की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग के अमले और सहयोगी विभागीय कार्यकर्ताओं और मैदानी अमले को शुभकामना दी।
पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा का आवश्यकतानुसार अवश्य प्रयोग करें – उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा से आपातकाल में दूरस्थ क्षेत्रों के नागरिकों को उत्कृष्ट सेवाएँ मुहैया कराने का प्रयास किया गया है। एयर एम्बुलेंस सेवा का आवश्यकतानुसार उपयोग सुनिश्चित करने लिए विभागीय अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों को जागरूकता लाने के निर्देश दिये गये हैं। तृतीयक स्वास्थ्य सेवाएँ ग्रामीण अंचल में उपलब्ध हो इसके लिए अधोसंरचनात्मक विकास और मैनपॉवर उपलब्धता के सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
जनजागरूकता सामग्री का किया विमोचन – उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने अभियान से संबंधित जन जागरूकता सामग्री का विमोचन किया। कार्यक्रम में दस्तक अभियान की गतिविधियों और उपलब्धियों पर आधारित डाक्यूमेंट्री फ़िल्म का प्रदर्शन किया गया। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री श्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, एमडी एनएचएम श्रीमती प्रियंका दास, संचालक आईईसी श्रीमती रचना दुबे, संचालक महिला एवं शिशु स्वास्थ्य श्रीमती अरुणा कुमार सहित समस्त ज़िलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।स्वस्थ भारत लिए बच्चों का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण – राज्य मंत्री श्री पटेल- स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री श्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए बच्चों का स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है। राज्य मंत्री श्री पटेल ने अभियान की सफलता के लिए मैदानी अमले को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी अभिभावकों, नागरिकों से अभियान की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग के अमले को सहयोग प्रदान करने का आह्वान किया और अभियान की सफलता के लिए शुभकामनाएँ दीं।
वर्ष 2016 में 168 ब्लॉक से शुरू हुआ अभियान अब हर घर में दे रहा है अच्छे स्वास्थ्य की दस्तक – श्रीमती दास – एमडी एनएचएम श्रीमती प्रियंका दास ने दस्तक अभियान में की जाने वाली गतिविधियों, तैयारियों और कार्ययोजना की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दस्तक अभियान वर्ष 2016 में 168 ब्लॉक में प्रारंभ किया गया था। अभियान से प्राप्त सफलता को देखकर अगले वर्ष से यह समस्त 313 ब्लॉक में चालू कर दिया गया। श्रीमती दास ने बताया कि बाल्यकालीन बीमारियों की पहचान एवं त्वरित उपचार/रेफरल सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में प्रतिवर्ष दस्तक अभियान संचालित किया जाता है। अभियान का प्रमुख उद्देश्य बाल मृत्यु प्रकरणों में कमी लाना है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा, दस्तक अभियान का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से किया जाता है। अभियान के प्रथम चरण में 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों की चिकित्सीय जांच कर बीमारियों की पहचान एवं त्वरित उपचार की व्यवस्था की जाती है। द्वितीय चरण में विटामिन ए अनुपूरण एवं प्रथम चरण में चिन्हित एनीनिक बच्चों की पुनः जांच की जाती है। वर्ष 2024-25 में दस्तक सह स्टॉप डायरिया अभियान 25 जून से 31 अगस्त 2024 तक संचालित किया जायेगा।
समुचित शिशु एवं बाल आहारपूर्ति की समझाईश दी जाएगी – दस्तक अभियान के अन्तर्गत बीमार नवजातों और बच्चों की पहुँच, प्रबंधन एवं रेफरल एवं अस्पताल से छुट्टी प्राप्त बच्चों का फोलोअप किया जाएगा। 9 माह से 5 वर्ष के बच्चों में विटामिन ‘ए’ की खुराक का अनुपूरण और 0 से 5 आयु वर्ष के बच्चों में दस्त की पहचान एवं नियंत्रण हेतु ओ.आर. एस. एवं जिंक का वितरण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही 0-5 आयु वर्ष के बच्चों में निमोनिया, जन्मजात विकृतियों एवं वृद्धि विलम्ब, गंभीर कुपोषण की त्वरित पहचान और प्रबंधन का कार्य किया जाएगा। 6 माह से 5 वर्ष के बच्चों में गंभीर अनीमिया की स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन के साथ शिशु एवं बाल आहारपूर्ति सम्बन्धी समझाइश समुदाय को दी जाएगी। आंशिक रूप से टीकाकृत बच्चों या टीकाकरण से छूटे बच्चों की स्थिति की जानकारी लेकर आवश्यक निदानात्मक कार्यवाही की जाएगी।