नई दिल्ली
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने देश की सबसे पुरानी पार्टी पर 'दलितों का इस्तेमाल' अपने फायदे के लिए करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को पता है कि उसके पास संख्याबल नहीं है फिर भी उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा किया। बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) केंद्र के सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिराग पासवान को अपने मंत्रिमंडल में मंत्री बनाया है।
चिराग ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए एक्स पर लिखा, "जब भी कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष को पता चलता है कि उनकी हार सुनिश्चित है, तो वे दलित कार्ड चल देते हैं। 2002 में जब उन्हें पता था कि वे उपराष्ट्रपति पद का चुनाव हार रहे हैं, तो उन्होंने सुशील कुमार शिंदे जी को उम्मीदवार बनाया था। 2017 में जब वे जानते थे कि वे राष्ट्रपति पद का चुनाव हार रहे हैं तो उन्होंने श्रीमती मीरा कुमार जी को उम्मीदवार बनाया। अब जब उनके पास स्पष्ट रूप से लोक सभा अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए संख्याबल नहीं है तो वे कांग्रेस के दलित के नेता के. सुरेश जी को नामांकित कर रहे हैं। विपक्ष के लिए क्या दलित नेता केवल और केवल प्रतीकात्मक उम्मीदवार हैं?"
लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए ओम बिरला और के. सुरेश के बीच मुकाबला
बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सरकार और विपक्ष के बीच मंगलवार को आम-सहमति नहीं बन सकी और अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार तथा भाजपा सांसद ओम बिरला का मुकाबला कांग्रेस के कोडिकुन्नील सुरेश के साथ होगा। लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान बुधवार को होगा। बिरला और सुरेश ने मंगलवार को क्रमश: राजग और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के उम्मीदवारों के रूप में अपने नामांकन पत्र दाखिल किए।
पिछली लोकसभा में भी अध्यक्ष रह चुके बिरला को राजग की तरफ से सर्वसम्मति से उम्मीदवार बनाया गया है। यदि वह बुधवार को हुए मतदान में जीत जाते हैं तो 25 साल में इस पद पर दोबारा आसीन होने वाले पहले व्यक्ति होंगे। जनता दल (यूनाइटेड) के नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि बिरला का नाम राजग के सभी दलों ने सर्वसम्मति से तय किया और भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह भी समर्थन हासिल करने के लिए विपक्ष के पास पहुंचे। बिरला ने नामांकन दाखिल करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। वह राजस्थान के कोटा से लगातार तीसरी बार भाजपा के टिकट पर सदस्य निर्वाचित हुए हैं।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए ललन सिंह ने कहा कि वे लोकसभा उपाध्यक्ष के पद पर तुरंत फैसला चाहते हैं, जबकि राजनाथ सिंह ने अनुरोध किया था कि चयन का समय आने पर सभी को एक साथ बैठना चाहिए और इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष के लिए उम्मीदवार के नाम पर सर्व सम्मति होती तो बेहतर होता। उन्होंने इस संबंध में शर्तें रखने के लिए विपक्ष की आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को शर्तों पर नहीं चलाया जा सकता। सहमति नहीं बनने के बाद विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस नेता सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाया और उन्होंने मंगलवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया। रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के नेता एन के प्रेमचंद्रन ने बताया कि सुरेश ने नामांकन दाखिल किया है।