नई दिल्ली
भारत में पिछले तीन वर्षों में मासिक रियल-टाइम भुगतान में चार गुना की बढ़ोतरी हुई है और लेनदेन की संख्या 2.6 अरब से बढ़कर 13.3 अरब हो गई है। बीसीजी-क्यूईडी इन्वेस्टर्स की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया कि रियल-टाइम पेमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर में डायरेक्टरी और क्यूआर कोड की उपलब्धता इनोवेशन को बढ़ाने में काफी महत्वपूर्ण है। ये रिपोर्ट 60 ग्लोबल फिनटेक सीईओ और निवेशकों के इंटरव्यू से मिली जानकारी के आधार पर तैयार की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की इस उपलब्धि में डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और सरकार की काफी अहम भूमिका है। भारत सरकार की ओर से हाल ही में फिनटेक को केवाईसी और को-लैंडिंग के लिए स्टैंडर्ड का स्पष्टीकरण देने को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
ठीक इसी प्रकार की गाइडलाइन अमेरिका के कंज्यूमर फाइनेंशियल प्रोटेक्शन ब्यूरो की ओर से डोड-फ्रैंक अधिनियम की धारा 1033 के तहत तैयार किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य ग्राहकों को उनके वित्तीय डेटा पर नियंत्रण और इसे एक्सेस और साझा करने का अधिकार देकर उन्हें सशक्त बनाना है।
भारत के डीपीआई स्टैक में सरकार द्वारा निर्धारित तीन लेयर्स हैं। जो निजी इनोवेशन को बढ़ावा देते हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले कुछ वर्षों में कई चुनौतियों का सामना करने के बाद भी फिनटेक इंडस्ट्री में विकास की काफी संभावनाएं हैं।