नई दिल्ली
संसद में सेंगोल को लेकर एक बार फिर से सियासी बवाल शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी के सांसद आरके. चौधरी ने संसद भवन में सेंगोल के स्थान पर संविधान रखे जाने की मांग कर दी। इसे लेकर अब राजनीति भी तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा के सेंगोल हटाने की मांग पर इंडी गठबंधन को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि यह तमिल संस्कृति के प्रति इंडी गठबंधन की नफरत को भी दिखाता है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सीएम योगी ने लिखा, ''समाजवादी पार्टी को भारतीय इतिहास या संस्कृति का कोई सम्मान नहीं है। सेंगोल पर उनके शीर्ष नेताओं की टिप्पणी निंदनीय है और उनकी अज्ञानता को दर्शाती है। यह विशेष रूप से तमिल संस्कृति के प्रति इंडी गठबंधन की नफरत को भी दर्शाती है। सेंगोल भारत का गौरव है और यह सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में इसे सर्वोच्च सम्मान दिया है।''
यूपी की महाराजगंज संसदीय सीट से सांसद आरके. चौधरी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर संसद में लगे सेंगोल को हटाने की मांग की। उन्होंने सेंगोल को राजा-महाराजाओं का प्रतीक बताया है। साथ ही इसकी जगह भारतीय संविधान की प्रति रखने की मांग की।
सपा सांसद ने पत्र में लिखा, ''मैं सदन की कुर्सी की दाईं ओर सेंगोल को देखकर हैरान रह गया। हमारा संविधान भारत के लोकतंत्र का एक पवित्र दस्तावेज है, जबकि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है। हमारी संसद लोकतंत्र का मंदिर है, किसी राजा या राजघराने का महल नहीं है। मैं आग्रह करना चाहूंगा कि संसद भवन में सेंगोल हटाकर उसकी जगह भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित की जाए।''