मुंबई
भारत की आधी आबादी पूरी तरह अनफिट है. जी हां हाल ही में आई एक स्टडी रिपोर्ट में बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इसमें बताया गया है कि पुरुषों से ज्यादा महिलाएं इनएक्टिव हैं. लांसेट ग्लोबल हेल्थ में पब्लिश नए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में आधी से ज्यादा वयस्क आबादी WHO की फिजिकल एक्टिविटीज गाइडलाइन का पालन नहीं कर पा रही है. 42% पुरुष और 57% महिलाएं शारीरिक रूप से निष्क्रिय हैं. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर इसी तरह चलता रहा तो 2030 तक यह संख्या 60% तक पहुंच सकती है.
WHO की गाइडलाइन क्या है
WHO ने वयस्कों को हर हफ्ते कम से कम 150 से 300 मिनट मीडियम एरोबिक एक्टिविटी करने को कहा है. ऐसा न करना फिजिकली इनएक्टिव माना गया है. WHO के अनुसार, ऐसे लोगों में हार्ट अटैक, स्ट्रोक, टाइप 2 मधुमेह, डिमेंशिया और ब्रेस्ट-कोलन कैंसर का ज्यादा रहता है.
भारत के लिए क्यों खतरे की घंटी
195 देशों में भारत का 12वां नंबर है, जहां शारीरिक निष्क्रियता सबसे तेजी से बढ़ रही है. दुनियाभर में करीब 31% वयस्क यानी 1.8 अरब लोग 2022 में फिजिकल एक्टिविटी के लेवल को पूरा नहीं कर पाए हैं. इसके लिए कई फैक्टर्स जिम्मेदार हैं. सबसे ज्यादा शारीरिक निष्क्रियता में एशिया-प्रशांत क्षेत्र 48% और दक्षिण एशिया 45% है.
बाकी क्षेत्रों में 28% और पश्चिमी देशों में 14% लोग अनफिट हैं. भारत के लिए चिंता का विषय इसलिए है, क्योंकि यहां जेनेटिक तौर पर हार्ट डिजीज और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा पिछले एक दशक से ज्यादा है. इन्हीं में सुधार के लिए डब्यूएचओ ने गाइडलाइन जारी की थी.
पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा इनेक्टिव क्यों
रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं शारीरिक रूप से ज्यादा निष्क्रिय हैं. यानी महिलाएं फिजिकल कम एक्टिव है और पुरुषों के मुकाबले कम एक्सरसाइज करती हैं. इसके पीछे की बड़ी वजह है महिलाओं की घर और बाहर की जिम्मेदारियां जिसके चलते वह अपनी हेल्थ को नजरअंदाज करती हैं. घर के बाकी सदस्यों का ख्याल रखने के चक्कर में अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज करती हैं. यही वजह है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा अनफ़िट पाई गई है खास तौर पर इंडिया में.
इससे बचने के लिए क्या करना होगा
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फिटनेस की सबसे बड़ी बाधा मानसिक रुकावट है. अगर आपकी दिनचर्या काफी बिजी है तो आप खुद को फिजिकली एक्टिव रखने के लिए उन चीजों को कर सकते हैं, जिनमें आपको अच्छा लगता है, जैसे पौधों को पानी देना, घर का काम, वॉकिंग, पालतू जानवरों के साथ एक्टिव रहना. इसके अलावा खानपान को सही बनाकर भी खुद को फिट किया जा सकता है.
विटामिन, प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों से शरीर को फिट बनाया जा सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि खाने में कम से कम 2 सब्जियां, एक पकी और दूसरी कच्ची को शामिल कर सकते हैं. इसके अलावा फल का सेवन भी फायदेमंद है.
एक्सरसाइज करने की सही उम्र क्या है
शोध में बताया गया है कि किसी भी उम्र में मांसपेशियों में वृद्धि की जा सकती है. एक्सरसाइज खुद को फिट रखने का सबसे सही तरीका है. इससे कई समस्याएं खुद ब खुद दूर हो सकती हैं. सुबह की शुरुआत वर्कआउट के साथ करने से कई दिक्कतें दूर हो सकती हैं.
लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000 से 2022 के बीच 197 देशों के लोगों पर स्टडी की गई थी. जिसमें पाया गया कि साल 2022 में 52.6 प्रतिशत महिलाएं और 38.4 प्रतिशत पुरुष शारीरिक रूप से एक्टिव नहीं थे. लैंसेट ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित नए आंकड़ों के अनुसार, 42 प्रतिशत पुरुष की तुलना में 57 प्रतिशत ज्यादा महिलाएं शारीरिक रूप से इनएक्टिव हैं. सबसे चिंता की बात यह है कि भारतीय वयस्कों में फिजिकली इनएक्टिव होना साल 2000 में 22.3 प्रतिशत से तेजी से बढ़कर 2022 में 49.4 प्रतिशत पहुंच गया. इसका मतलब यह है कि हमारी आबादी का 60 प्रतिशत हिस्सा 2030 तक शारीरिक रूप से निष्करिय हो जाएगा. सही तरीके से शारीरिक गतिविधि नहीं होने की वजह से उसमें बीमारी का खतरा भी बढ़ेगा.
फिजिकली इनएक्टिव किसे कहते हैं?
WHO के मुताबिक, अगर कोई भी वयस्क हफ्ते में 150 मिनट से कम और किसी किशोर की शारीरिक गतिविधि 60 मिनट से कम है तो उसकी शारीरिक गतिविधि को अपर्याप्त माना जाएगा. ऐसे लोगों को योगा और एक्सरसाइज पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. डब्लूएचओ की सिफारिश के मुताबिक, सभी वयस्कों के लिए हफ्ते में कम से कम 150 से 300 मिनट की मीडियम एरोबिक एक्टिविटी जरूरी है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि शारीरिक निष्क्रियता वाले वयस्कों में दिल की बीमारियों जैसे दिल का दौरा, स्ट्रोक, टाइप 2 शुगर, मनोभ्रंश और ब्रेस्ट और कोलन कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है.
शारीरिक निष्क्रियता में भारत का कौन सा नंबर?
अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि के मामले में भारत 195 देशों में 12वें पायदान पर है. दुनिया भर में, करीब एक तिहाई (31 प्रतिशत) वयस्क यानी कि करीब 1.8 बिलियन लोगों ने 2022 में शारीरिक गतिविधि के रिकमेंडेड स्तर को पूरा नहीं किया. WHO में डारेक्टर ऑफ हेल्थ प्रमोशन डॉ. रुडिगर क्रेच का कहना है कि इसका कारण, काम के पैटर्न में बदलाव, पर्यावरण में बदलाव, सुविधाजनक परिवहन मोड और ख़ाली समय की गतिविधियों में बदलाव शामिल है. सबसे ज्यादा शारीरिक निष्क्रियता एशिया-प्रशांत क्षेत्र (48 प्रतिशत) और दक्षिण एशिया (45 प्रतिशत) सामने आई है. अन्य क्षेत्रों में निष्क्रियता का स्तर पश्चिमी देशों में 28 प्रतिशत से लेकर 14 प्रतिशत तक है.
2030 तक इतने प्रतिशत भारतीय होंगे अनफिट?
स्टडी के मुताबिक, दुनियाभर के 26.4 प्रतिशत वयस्क ही साल 2010 में शारीरिक रूप से इनएक्टिव थे. साल 2010 से 2022 जैसे ही हालात रहे तो शारीरिक गतिविधियों में 15% सुधार लाने का वैश्विक लक्ष्य हासिल करना बहुत ही मुश्किल है. रिसर्च में पाया गया है कि साल 2000 में 22 प्रतिशत से ज्यादा एडल्ट शारीरिक गतिविधियों में शामिल नहीं थे. जबकि 2010 तक यह आंकड़ा 34 % तक पहुंच गया. रिसर्चर्स का अनुमान है कि अगर ऐसे ही गहालात बने रहे तो वो दिन दूर नहीं जब साल 2030 तक करीब 60 प्रतिशत एडल्ट फिजिकली अनफिट हो जाएंगे. रिसर्च में ये भी सामने आया है कि 60 साल की उम्र के महिलाएं और पुरुष शारीरिक गतिविधियों में कम एक्टिव हैं.