नई दिल्ली
जिस बात की आशंका जताई जा रही थी, वह सही साबित हो रही है। आम चुनावों के खत्म होते ही टेलिकॉम कंपनियों ने मोबाइल टैरिफ में बढ़ोतरी की घोषणा कर दी है। गुरुवार को देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने मोबाइल टैरिफ में 12 से 15 फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की थी। इसके एक दिन बाद आज भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने भी मोबाइल टैरिफ की दरों में 10 से 21 फीसदी इजाफे का एलान कर दिया। बढ़े हुए टैरिफ तीन जुलाई 2024 से लागू होंगे। कंपनी की इस घोषणा के बाद पोस्टपेड और प्रीपेड दोनों प्लान महंगे होंगे। जियो और एयरटेल के बाद अब वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के भी रेट में इजाफा करने की संभावना है।
टेलिकॉम कंपनियों ने नवंबर 2021 के बाद पहली बार टैरिफ में बड़ा इजाफा किया है। इसका मकसद एवरेज रेवेन्यू पर यूजर बढ़ाना है। जानकारों का कहना है कि टेलिकॉम कंपनियों ने 5जी सर्विसेज के लिए भारी निवेश किया है। मसलन जियो और एयरटेल ने 5जी सेवाएं शुरू करने के लिए दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है लेकिन अब तक उन्हें इस इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न नहीं मिला है। मई में एयरटेल के एमडी गोपाल विट्टल ने कहा था कि इंडस्ट्री का रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड बढ़ाने के लिए टैरिफ में भारी बढ़ोतरी की जरूरत है। मोबाइल टैरिफ के साथ-साथ ब्रॉडबैंड सर्विस का टैरिफ भी बढ़ाया गया है।
किसे होगा सबसे ज्यादा फायदा
जानकारों का कहना है कि टेलिकॉम ऑपरेटर टैरिफ बढ़ाकर 5जी में अपने पूंजीगत निवेश का मॉनीटाइजेशन कर सकते हैं। टैरिफ में बढ़ोतरी से ग्राहकों की संख्या में गिरावट आने की आशंका नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें हाई स्पीड कनेक्टिविटी मिलती रहेगी, उपभोक्ता दूरसंचार सेवाओं के लिए भुगतान करने को तैयार रहेंगे। वायरलेस पैक की कीमत में वृद्धि से भारती एयरटेल और जियो को सबसे अधिक लाभ होने की उम्मीद है। मुंबई के एक ब्रोकरेज एनालिस्ट ने बताया कि वोडाफोन के ग्राहकों की संख्या में लगातार कमी आई है जिससे उसने टैरिफ बढ़ोतरी और लो वैल्यू पैक से ग्राहकों के अपग्रेडेशन का फायदा गंवा दिया है।