कोलकाता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश के बाद राज्य की पुलिस अवैध निर्माण के खिलाफ अति सक्रिय हो गई है। राज्य भर में सड़कों पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के दफ्तरों के अवैध कब्जे की अनदेखीकर आसनसोल में पुलिस सीधे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के दफ्तर में जा पहुंची। पुलिस, आसनसोल नगर पालिका और भूमि राजस्व अधिकारियों की एक टीम जमीन के दस्तावेज देखने के लिए आसनसोल के जेसी बोस लेन, वार्ड नंबर 21 स्थित संघ कार्यालय पहुंचे।
पुलिस के कार्यालय पहुंचने की सूचना पाकर स्वयंसेवक भी पहुंच गए। संघ के वकील पीयूषकांति गोस्वामी ने शुक्रवार को कहा, ''किसी ने शिकायत की है। इसीलिए वे आये थे। लेकिन हमें नहीं पता कि शिकायत क्या है। हमें सूचित नहीं किया गया। उन्होंने दस्तावेज मांगे। हमने बताया है कि हमारे पास सभी दस्तावेज हैं लेकिन यहां नहीं कोलकाता के केशव भवन में हैं। लाने के लिए 15 दिन का समय दें। वे सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे भी नोटिस देंगे।''
आसनसोल पुलिस आयुक्तालय के अतिरिक्त उपायुक्त सुब्रत देबनाथ भी संघ कार्यालय का दौरा करने वाले सरकारी अधिकारियों में से थे। उन्होंने कहा, ''हाल ही में एक शिकायत मिली है। उसके आधार पर कुछ दस्तावेज मांगे गए हैं। संघ ओर से सकारात्मक सहयोग मिला है।''
उल्लेखनीय है कि नवान्न में एक संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ममता ने कहा था, ''मलय (मंत्री मलय घटक) मुझे बता रहे थे कि एक राजनीतिक दल ने आसनसोल में एक तालाब भरकर तीन मंजिला घर बनाया है। इसे तोड़ा क्यों नहीं जा रहा? पुलिस को बार-बार बताया गया, पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। क्योंकि, मैंने सुना है कि वह आरएसएस का कार्यालय है। अगर तृणमूल का कोई अवैध निर्माण तोड़ा जाएगा तो आरएसएस कार्यालय क्यों नहीं तोड़ा जाएगा? '' इसके बाद मुख्यमंत्री ने स्थानीय जिला प्रशासन को निर्देश दिया, ''पहले हमें यह देखना होगा कि उस जमीन का रिकॉर्ड क्या है। यदि वह जल निकाय है अर्थात भू-अभिलेख में है तो जल निकाय में कार्यालय बनाना अपराध है। कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन सबसे पहले आपको रिकॉर्ड जांचना होगा।