नई दिल्ली
नीट पेपर लीक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने ताबड़तोड़ एक्शन लेना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को सीबीआई ने ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल डॉक्टर एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम और पत्रकार जमालुद्दीन को झारखंड के हजारीबाग से गिरफ्तार किया। डॉ. हक नीट एग्जाम के डिस्ट्रिक कोऑर्डिनेटर थे। जांच एजेंसी तीनों को झारखंड से बिहार ला रही है।
पटना से पहली गिरफ्तारी
इससे पहले नीट-यूजी में गड़बड़ियों के सिलसिले में सीबीआई ने गुरुवार को पटना से पहली गिरफ्तारी की। जांच एजेंसी ने मनीष और आशुतोष को अरेस्ट किया। मनीष अभ्यर्थियों को अपनी कार से लाता था। वहीं, आशुतोष इनके लिए जगह की व्यवस्था करता था, जहां उम्मीदवारों से पेपर के जवाब रटाए जाते थे। अदालत ने दोनों को जेल भेज दिया है। सीबीआई को जेल में बंद 13 आरोपियों से पूछताछ की अनुमति मिल गई है।
बिहार पुलिस ने रिपोर्ट सौंपी
बिहार पुलिस की जांच एजेंसी ने स्टेटस रिपोर्ट केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को सौंप दी है। इसमें पेपरलीक और एक स्कूल से मिले जले हुए प्रश्नपत्र की रिपोर्ट है। इसमें 84 क्वेश्चन मिलने की बात सामने आई है। वहीं, लातूर से गिरफ्तार गंगाधर का बिहार से कनेक्शन मिला है। उसके मोबाइल में बिहार के कई लोगों के नंबर मिले हैं। गंगाधर पर नीट पेपर लीक एजेंट का दलाल बनने का आरोप है।
गोधरा में शुरू हुई पूछताछ
सीबीआई ने छह छात्रों, अभिभावकों और जय जलाराम स्कूल के संचालक से पूछताछ की। एजेंसी को जांच में पता चला कि बाहर के उम्मीदवारों को गुजरात चुनने को कहा गया था, ताकि किसी प्रकार का शक ना हो।