छत्तीसगढ़

दुर्गम इलाकों में बाईक एम्बुलेंस सुविधा बनी वरदान

रायपुर

मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक के सुदूर पहुंचविहीन गांवों में जिला प्रशासन द्वारा शुरू की गई बाईक एम्बुलेंस ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रही है। कलेक्टर अवनीश शरण की विशेष पहल पर कोटा ब्लॉक के गांवों तक स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार लाने बाईक एम्बुलेंस संगवारी एक्सप्रेस की सुविधा शुरू की गई है। वर्तमान में 4 बाईक एम्बुलेंस के जरिए जरूरतमंदों को अस्पतालों तक पहुंचाया जा रहा है। यह सुविधा चौबीसों घंटे ग्रामीणों को मिल रही है।

कोटा ब्लॉक के एक बड़े हिस्से में विषम भौगोलिक परिस्थति के चलते सड़क मार्ग से पहुंच पाना संभव नहीं होता है। ग्रामीणों को आपातकाल स्थिति में घर से अस्पताल आने-जाने के लिए बाईक एम्बुलेंस नि:शुल्क परिवहन का एक अच्छा माध्यम बन गया है। संगवारी एक्सप्रेस बाईक में बनाई गई एक मिनी एंबुलेंस की तरह है, जिसमें एक मरीज को बिना असुविधा के अस्पताल तक पहुंचाया जा सकता है। राज्य शासन द्वारा जन स्वास्थ्य के लिए चलाई जा रही अन्य एम्बुलेंस की तरह यह भी एक बिलकुल नि:शुल्क सुविधा है। कोटा ब्लॉक के सुदूर वनांचलों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं सहित अन्य लोगों के लिए बाईक एम्बुलेंस वरदान साबित हो रही है।

विकासखण्ड कोटा में बाईक एम्बुलेंस की सेवाएं शुरू होने से अब तक 1 हजार 339 मरीजों को इसका सीधा लाभ मिला है। इनमें सभी वर्ग के मरीज शामिल है। शिवतराई पीएचसी में 385, बेलगहना पीएचसी में 322, केंदा पीएचसी में 366 और आमागांव में 266 मरीजों को बाईक एम्बुलेंस की सुविधा मिली। बाईक एम्बुलेंस के जरिए वनांचल क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए केन्द्र तक लाया जाता है और शिशुवती माताओं को प्रसव के बाद सुरक्षित घर भी पहुंचाया जाता है।

बच्चों के लिए भी मददगार
बाईक एम्बुलेंस गर्भवती माताओं के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, बच्चों के टीकाकरण एवं मौसमी बीमारियों के उपचार के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। ग्रामीण इस बाईक एम्बुलेंस की सुविधा के लिए शासन को धन्यवाद देते हैं। वे कहते है कि पहले यातायात सुविधा न होने के कारण हम लोगों को इलाज के लिए काफी दिककते होती थी लेकिन अब बाईक एम्बुलेंस शुरू होने से उन सभी परेशानियों से राहत मिली है। बगधरा गांव की श्रीमती रोशनी ने बताया कि उन्हें प्रसव के लिए बाइक एंबुलेंस से ही अस्पताल ले जाया गया। यह सुविधा वाकई ग्रामीणों के लिए काफी फायदेमंद है। मोहली गांव की श्रीमती ईश्वरी गोंड ने बाइक एंबुलेंस के लिए आभार जताते हुए बताया कि यह सुविधा लोगों के लिए जीवनदायनी साबित हो रही है। रात में 11 बजे उन्हें प्रसव के लिए बाइक एंबुलेंस के जरिए आमागोहन सरकारी अस्पताल में लाया गया। वे कहती हैं कि इस सुविधा के चलते ही मैं और मेरा बच्चा पूरी तरह सुरक्षित है। ग्राम पंचायत तुलूफ  के 27 वर्षीय  श्री महेश धनवाड़ को सांप ने काट लिया था उन्हें तुरंत बाइक एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया। तुरंत इलाज मिल पाने से वो आज स्वस्थ हैं।

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